
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के समाहरणालय परिसर में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार 09 वीं वाहिनी आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), बिहटा के द्वारा प्राकृतिक आपदा यथा भूकंप आदि से बचाव के जिला स्तरीय मॉक अभ्यास एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है जिसमें भारत स्काउट गाइड के बच्चों एवं आम जनों ने भाग लिया। इस दौरान उन्हें भूकंप से बचाव की जानकारी दी गयी। इस मौके पर डीएम सौरभ जोरवाल ने प्राकृतिक आपदा यथा भूकंप से बचाव के दिशा में एनडीआरएफ द्वारा आयोजित प्रोग्राम का प्रसंसा की। वहीं कहा कि भूकंप के समय जान-माल की सुरक्षा करते हुए अपने आपको बचाएं, मकानों से बाहर निकलकर खुले स्थानों पर जाएं तथा अपनी दूसरों की भी सहायता करें। भूकंप का कोई समय नहीं होता। अचानक भूकंप सकता है। हम अपनी समझदारी से ज्यादा नुकसान होने से बचा सकते हैं। कहा कि जिस प्रकार से आप सभी को भूकंप से बचाव को लेकर मॉक अभ्यास कराया गया, उम्मीद करता हूं की भविष्य में इसे आपदा वक्त आप पालन करेंगे। इससे संबंधित आगे भी मॉक अभ्यास कराया जाएगा। हमारी कोशिश होगी की आगे आप सभी को पानी में डूबने से बचाव को लिए भी परिक्षण दिया जाए ताकि उस वक्त जान माल की हानि से बचा जा सकें। इस दौरान डीडीसी आंशुल कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के मणिकांत, स्काउट एवं गाइड के राज्य सचिव श्रीनिवास कुमार सहित कई अन्य उपस्थित थे। भूकंप के वक्त सावधानी : भूकंप महसूस होते ही घर से बाहर निकलकर खुली जगह पर चले जाएं। अगर गली काफी संकरी हो और दोनों ही ओर बहुमंजिला इमारतें बनी हों, तो बाहर निकलने से कोई फायद नहीं होगा। तब घर में ही सुरक्षित ठिकाने पर रहें। भूकंप महसूस होते ही टीवी, फ्रिज, जैसे बिजली के सारे उपकरण प्लग से निकाल दें। एक बार बहुत तेज भूकंप आने के बाद कुछ घंटों तक आफ्टर शॉक्स आ सकते हैं. इनसे बचने का इंतजाम पहले ही कर लें. आफ्टर शॉक्स आने की कोई तय मियाद नहीं होती हैं, इसलिए अफवाहों पर बिलकुल ही ध्यान न दें। अगर घर से बाहर निकलने में काफी वक्त लगने का अनुमान हो, तो कमरे के कोने में या किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छुप जाएं। सिर के साथ-साथ शरीर के अन्य संवेदनश अंगों को पहले बचाने की कोशिश करें। घर के बाहर निकलकर कभी भी बिजली, टेलीफोन के खंभे या पेड़-पौधों के नीचे न खड़े हों।