
सीमांत किसानों का विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं प्लांट
रोहतास। काम्फेड द्वारा संचालित शाहाबाद दुग्ध उत्पाद सहकारी संघ लिमिटेड ईकाई प्रोडक्ट डेयरी की शुरुआत रोहतास ज़िले के डेहरी ऑन सोन स्थित ऐनीकट मंदीर के समीप 25 अप्रैल 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था। यह 01 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला नवनिर्मित अत्याधुनिक डेयरी प्लांट हैं जबकि फिलहाल इसकी प्रतिदिन 70 हजार लीटर दुध प्रोसेसिंग की जा रही है। इस प्रोसेसिंग डेयरी प्लांट की खासियत है कि यहां बिना हाथ लगाए दूध का कलेक्शन गुणवत्ता जांच प्रोसेसिंग से लेकर पैकिंग का काम किया जाता है। बता दें कि यहां दूध के साथ पेड़ा, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, पनीर, सुरभि, मीठा दही, घी एवं चमचम आसानी से तैयार किया जा रहा है। जो स्वादिष्ट एवं पौष्टिक युक्त है। इस अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र से जहां किसानों को अच्छी आमदनी हो रहा है। वहीं यह सैकड़ों दैनिक मजदूरों की रोजी-रोटी का अब साधन बन चुका है जिसका लाभ जिलें के कई किसानों को अब सीधा मिल रहा है। वहीं उन्हें गुणवत्ता एवं वजन के हिसाब से दूध समितियों एवं पशुपालकों को उचित एवं प्रतिस्पर्धी मूल्य भी उपलब्ध कराया जाता है। यहां शीतक केंद्र के अलावा कई आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। सुधा डेयरी का दूध क्वालटी एवं दूध से बने उत्पाद लोकल मार्केटों के अलावा औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा, पटना, नालंदा, बरौनी, पूर्णिया, आरा बक्सर सहित अन्य जिलों में काफ़ी पसंद किये जा रहे है। इस दौरान प्लांट के मुख्य कार्यपालक रविंद्र कुमार ने बताया कि शुरुआत में थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन समय के साथ अब उन परेशानियों से निजात मिल चुका है। यह प्लांट दूध के साथ-साथ अच्छी गुणवत्तापूर्ण कई प्रोडक्ट बनाने में सक्षम है। इससे सैकड़ों दैनिक मजदूर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इस प्लांट को दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों को अन्य स्थानों की तुलना में बेहतर कीमत मिल रहा हैं। वैसे हमारी प्लांट सीमांत किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह किसानों को खेती के साथ-साथ दूध उत्पादन स्व-रोजगार के क्षेत्र में एक बेहतर विकल्प है। दूध की प्राप्ती दूध उत्पादक सहकारी संघ के कई समितियां एवं किसानों से की जाती है। वहीं प्लांट इंचार्ज आंनद बताते हैं कि यहां के उत्पाद मांग के अनुसार तैयार किया जाता हैं। दूध की क्वालिटी के लिए काफी हाई टेक तरीके से जांच की जाती है। उसके बाद ही दूध या इससे बने उत्पादों को बाजार में भेजा जाता है। यह अपने आप में बड़ी बात है कि इस प्लांट से तैयार उत्पादों को पूरे बिहार में बिक्री कर रहे हैं। यह सब हम अपने किसानों द्वारा गुणवत्तापूर्ण दुग्ध दिये जाने की बदौलत ही इस मुकाम पर पहुंच पाए हैं।