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कागजी तामझाम को छोड़कर तकनीकी रूप से वाद निपटारे पर दिया जाएगा ज़ोर, बहुप्रतीक्षित ई-सेवा केन्द्र का हुआ उद्धघाटन 

औरंगाबाद। गुरूवार की देर शाम व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद परिसर में ई-सेवा केन्द्र का उद्घाटन विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चतम न्यायालय के जज मुकेश कुमार रसिक भाई शाह ने किया। कार्यक्रम में पटना उच्च न्यायालय पटना के मुख्य न्यायमूर्ति संजय करोल एवं न्यायमूर्ति सह निरीक्षी जज राजीव राय शामिल हुये।

इसके अलावा फिजिकल रूप से कार्यक्रम में जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव, प्रधान न्यायाधीश एम.पी एम.एल.ए अशोक राज, जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा, अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर, एडीजे अमित कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार पाठक, रत्नेश्वर कुमार सिंह, धनंजय कुमार सिंह, नीतीश कुमार, सहित सभी न्यायिक पदाधिकारी, जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, महासचिव नागेंद्र सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह सहित अन्य शामिल हुये।

न्यायाधिशों ने बताया कि अब कागजी तामझाम को छोड़कर तकनीक के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया का निपटारा करने पर जोर देना है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ई-सेवा केंद्र का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से सुदूर ग्रामीण इलाकों में बैठे लोग भी अपने मुकदमे के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही ई-फाइलिंग की सुविधा भी मिलेगी।

वहीं पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि ई- सेवा केंद्र आम आदमी के लिए न्याय व अधिकार के महत्वपूर्ण है। यह केन्द्र वादकारियों एवं अधिवक्ताओं को वादों के स्थिति, सुनवाई अगली तिथि, ई- कोर्ट सर्विस मोबाइल ऐप से संबधित जानकारी, न्यायाधीशों की छुट्टी, वाद में आदेश एवं निर्णय की जानकारी सहित अन्य सहायता देगा। ई-सेवा केन्द्र में तीन काउंटर एवं सहायता केंद्र में एक काउंटर बनाए गए हैं।

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अधिवक्ताओं एवं लोगों को यह भी जानकारी मिलेगी की आप आनलाईन ई- फाइलिंग केसे करेंगे। न्यायालय का शुल्क जमा केसे करेंगे। प्रमाणित प्रतिलिपि ऑनलाइन प्राप्ति हेतु आवेदन केसे करेंगे। निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए क्या आवश्यक है। ई मेल व व्हाट्स से न्यायिक आदेशों एवं निर्णय का ऑनलाइन केसे प्राप्त करेंगे। केंद्र का उद्देश्य तकनीक के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया का निपटारा पर जोर देना है। समाज के निचले स्तर तक के व्यक्तियों तक न्याय की पहुंच उपलब्ध कराना है।

प्रयास करना है कि सरल तरीके से लोगों को न्याय सुलभ हो सके। बड़े पैमाने पर लंबित मामलों के चलते तकनीक के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया का निपटारा पर जोर देना है। ई- सेवा केन्द्र के माध्यम से सुदुर ग्रामीण इलाकों में भी बेठे लोग अपने मुकदमा की पुरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की सुनवाई की व्यवस्था करने और अधिवक्ता के माध्यम से आयोजित करने में मदद करता है।

वर्चुअल अदालतों में वादों का तेजी से निष्पादन कराता है। इसके माध्यम से ई-हस्ताक्षर, ई- स्टंप पेपर, ई- पेमेंट की सुविधा है। आधार आधारित डिजिटल हस्ताक्षर के लिए आवेदन करने एवं प्राप्त करने में सहायक है। जेल में रिश्तेदारों से मुलाकात के लिए ई- मीटिंग के लिए बुकिंग में सहायक है।

वहीं न्यायालय में वादों के सुनवाई के दौरान जो अगले तिथि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि इसके पूर्व न्यायलय परिसर में मुकदमे की निर्णय जानने के लिए जो काफ़ी संख्या में भीड़ लगी रहती थी जिसमें कमी आएगी तथा बड़ी संख्या में अधिवक्ता और मुवक्किल भी इस ई-सेवा केन्द्र के लाभ लेंगे।

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