
औरंगाबाद। जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने पंचायत शिक्षक नियोजन में अनियमितता के शिकायत पर जांचोंपरांत कुटुंबा प्रखंड के तत्कालीन जनसेवक सह पंचायत सचिव अनिल कुमार के विरूद्ध सेवा से बर्खास्तगी का दंड अधिरोपित किया गया है। जनसेवक द्वारा पचायत शिक्षक नियोजन में अनियमितता पाए जाने पर जिलाधिकारी द्वारा विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करवाई गई थी एवं अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद को संचालन पदाधिकारी बनाया गया था। जिला पदाधिकारी के आदेश के आलोक में जनसेवक पर आरोप पत्र गठित कर निहित आरोप के संबंध में अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था। विभागीय कार्रवाई के दौरान पाया गया कि जनसेवक के द्वारा अवैध लाभ की मंशा से पंचायत शिक्षक नियोजन में नियमावली के अनुरूप निर्धारित कोटि पर नियोजन न कर किसी अन्य कोटि का नियोजन किया गया तथा अनियमितता बरती गई।
संचालन पदाधिकारी द्वारा आरोपी कर्मी जनसेवक द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण एवं प्रस्तुत अन्य कागजात का अवलोकन किया गया। संचालन पदाधिकारी द्वारा नियोजन बैठक की कार्यवाही बही की छाया प्रति का भी अवलोकन किया। कार्यवाही पंजी के पृष्ट 02 पर प्रशिक्षित शिक्षकों के उपस्थित आवेदकों की कुल संख्या को खाली रखा गया था। उसी प्रकार महिला प्रशिक्षित शिक्षक की उपस्थिति 17 या 07 स्पष्ट नहीं थी एवं पुरूष प्रशिक्षित शिक्षकों की उपस्थिति 12 अंकित किया गया था। जबकि मेधा सूची महिला में 05 एवं पुरूष में 06 का ही अंकित किया गया था। उक्त पृष्ठ में भी खाली स्थान छोड़ा गया था जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि भविष्य में किसी अन्य व्यक्ति का नाम जोड़ा जा सकता था।
उपस्थापन पदाधिकारी-सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी, औरंगाबाद के मंतव्य एवं प्रस्तुत कागजात में अंकित तथ्य के अनुसार श्री कुमार द्वारा पंचायत शिक्षक नियोजन नियमावली के अनुरूप नियोजन नहीं किया गया तथा उनके द्वारा अनियमितता बरतते हुए जानबूझ कर पंचायत शिक्षक नियोजन नियमावली के विरूद्ध कार्य किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा अनिल कुमार जनसेवक के विरूद्ध सेवा से बर्खास्तगी का दंड अधिरोपित किया गया है। साथ ही सभी कर्मियों को सख्त हिदायत दी गई कि किसी भी प्रकार को अनियमितता पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएंगी जिसमें नौकरी से बर्खास्तगी भी शामिल है।