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आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर विकसित किया जा रहा कालीन उद्योग, भारत सरकार के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय (हैंडीक्राफ्ट) के सहयोग से कालीन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ओबराकारपेट हैंडीक्राफ्ट प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के तत्वावधान में औरंगाबाद में आज एक दिवसीय कार्यशाला का अयोजन किया गया जिसमें कालीन उद्योग से जुड़े विपणन कौशल, उद्यमशीलता कौशल, पैकेजिंग, प्रचार, गुणवत्ता , उत्पाद मूल्य निर्धारण, जीआई अधिनियम, जीएसटी, जीईएम पोर्टल, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग एवं मुद्रा ऋण आदि पर विस्तार से विभिन्न जगहों से पहुंचे उधमियों को जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि कालीन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने उधमियों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसके पहले सहयोग एवं काम के अभाव स्थानीय स्तर पर काम करने वाले बुनकर उत्तर प्रदेश के भदोही चले गए थे और किसी दूसरे पर आश्रित थे लेकिन इस कार्यशाला के माध्यम से उनकी घर वापसी हुई हैं। कालीन उद्योग से जुड़े लोगों को अब भदोही नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें स्थानीय स्तर से रोजगार मिलेगा, यह बड़ी बात है। सांसद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का हाल ही में वक्तव्य आया है जिसमें उन्होंने कहा कि गरीब को आर्थिक सहायता कैसे पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि उनके लिए देश में सबसे बड़ी जाति गरीबों की है। मोदी जी का लक्ष्य है कि उन्हें उनकी गरीबी से बाहर निकाल कर, आर्थिक रुप से सक्षम कैसे बनाया जाए , इसको लेकर भारत सरकार ने कई योजनाएं चलाई है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना इसी तरह के कारीगरों के लिए वरदान साबित होगी। इस पेशे से जुड़े अधिकतम लोग अल्पसंख्यक समुदाय हैं। कुछ लोगों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के प्रति अल्पसंख्यक विरोधी होने का दुष्प्रचार किया जाता है , जो कहीं से उचित नहीं है।

कार्यशाला का किया गया उद्घटान – इस कार्यशाला का सर्व प्रथम उद्घटान सांसद सुशील कुमार सिंह, ओबराकारपेट हैंडीक्राफ्ट प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के निदेशक जय प्रकाश झा , सहायक निदेशक मुकेश कुमार, ब्रांड एंबेसडर हिमानी मिश्रा सहित अन्य संयुक्त रूप से किया।

ब्रांड एंबेसडर हिमानी मिश्रा ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य उधमियों को न केवल आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है बल्कि उन्हें उनकी बेहतर कार्य के अधार पर अलग पहचान भी दिलवाना है। आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर कालीन उद्योग के लिए बेहतर बाजार विकसित किया जा सकता है। इसके आलावा उधमियों को वित्तीय सहायता कैसे मिले , इस पर भी जरूरी जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर एस.के पांडे, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के क्षेत्रीय व्यावसायिक पदाधिकारी कुणाल भास्कर, अखिलेश, शत्रुघ्न सिंह, अनिकेत कुमार, भाजपा के पुर्व जिलाध्यक्ष सह प्रदेश कार्य समिति सदस्य पुरुषोत्तम सिंह, , विनोद सिंह, तीर्थ नारायन वैश्य, विलास राय, रौशन कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।

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