राजनीति

भाजपा का 13 जुलाई को बिहार विधानसभा मार्च, सरकार से 10 लाख रोजगार पर मांगेगी जवाब, असामाजिक तत्वों के खिलाफ सांसद ने की कार्रवाई की मांग

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। बिहार सरकार की नीति और रवैया से प्रदेश के लाखों युवा अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यह बात सांसद सुशील कुमार सिंह ने जिला अतिथि गृह में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही। सांसद ने कहा कि प्रदेश में शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 में संशोधन कर डोमिसाइल नीति को खत्म करना एक ज्वलंत मुद्दा हैं। सरकार युवाओं की प्रतिभा पर प्रश्नचिह्न लगा रही हैं। यह तो एक तरह से तौहीन हैं। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थी अब भगवान भरोसे है। यहां की शैक्षणिक व्यवस्था लगातार दुर्दशा में फंसती चली जा रही हैं। ऐसा लगता है जैसे राज्य सरकार यहां के बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 13 जुलाई 2023 को 11 बजे पटना के गांधी मैदान से बिहार विधानसभा तक पैदल मार्च करेगी।

सांसद ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा था कि जैसे ही हमारी सरकार बनेगी हम युवाओं को 10 लाख नौकरियां देंगे। इस दौरान युवाओं को नौकरियां तो नहीं मिली लेकिन जिन युवाओं के पास पहले से नौकरियां है उसे छिनने का उपाय जरूर किया जा रहा है। जबकि चुनाव से पहले तेजस्वी यादव पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर बिहार में बेरोजगारी यात्रा निकाल रहे थे, उन्होंने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में भी कहा था की सरकार बनते हैं 10 लाख नौकरियां देगे। उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में डोमिसाइल नीति लाकर हम 90 प्रतिशत बिहारियों को नौकरी देंगे।

सांसद ने कहा कि जिस डोमिसाइल नीति की बात तेजस्वी जी करते थे आज उसे वह भूल गए। नीतीश कुमार जी को यह लग रहा है कि यदि डोमिसाइल नीति लागू हुआ तो इसका क्रेडिट तेजस्वी जी को मिल जाएगा। तेजस्वी जी को उन्होंने सीएम बनने का लॉलीपॉप दिखाया और अपने प्रभाव में लेकर नई डोमिसाइल नीति बनाने का जो फैसला किया है यह बिहार के युवाओं के हित में नहीं है। यह युवाओं के आशाओं पर कुठाराघात है, एक शिक्षक बनने के लिए जो मानदंड होना चाहिए उन सभी मानदंडों को अभ्यर्थियों ने पूरा किया है। इस बीच कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय जांच परीक्षा में सफलता पाई है, इसके साथ-साथ अभ्यर्थियों के पास बीएड की डिग्रियां है।

इसके बावजूद उन्हें बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में पास होना होगा तब उन्हें शिक्षक की पात्रता प्राप्त होगा और उन्हें नौकरी मिलेगी यथा उनकी नियुक्ति होगी जिसकी सरकारी नौकरी लग जाती है, उसके प्रमोशन के लिए विभागीय प्रतियोगी परीक्षाएं होती है। जैसे राजभाषा की परीक्षा या फिर कोई अन्य विभागीय परीक्षाएं होना सुना था। लेकिन नियुक्त आदमी के लिए पुनः नियुक्ति के लिए परीक्षा होना यह केवल बिहार में हो रहा हैं। जो यह कहीं से उचित नहीं है। इस परीक्षा को जटिल किया जा रहा है, ताकि अधिक अभ्यर्थी सफल ना हो।

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सांसद ने कहा कि एक सर्वे में कहा गया है कि गणित विषय के मामले में बिहार के बच्चों में जो योग्यता है वह दूसरे किसी राज्यों के बच्चों की तुलना में अधिक हैं। बावजूद यहां के शिक्षा मंत्री कहते हैं कि यहां फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथमेटिक्स के शिक्षक नहीं मिलते हैं उन्हें इन विषयों की बेसिक ज्ञान भी नहीं है। उनके ज्ञान पर मेरा प्रश्न है, जो व्यक्ति शिक्षा मंत्री है उसे इतना भी ज्ञान नहीं है कि प्राइमरी के बच्चों के लिए विषय वार शिक्षक कोई जरूरी नहीं है।

सांसद ने कहा कि पिछले 33 वर्षों में बड़े भाई एवं छोटे भाई ने शिक्षा व्यवस्था या सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता युक्त शिक्षा समाप्त कर दी, कहीं भी मानक के अनुसार शिक्षक नहीं है। इससे चार लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं जो पहले से नियुक्त हैं। इसके अलावा और नियुक्त करने की बात की जा रही है जिसमें कम से कम पांच लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार खुद जेपी आंदोलन की उपज है लेकिन आज शिक्षक अभ्यर्थियों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है तो उनके साथ मारपीट और उनकी मांगों को दबाया जा रहा है जबकि गौरतलब है कि जिस पार्टी के खिलाफ जयप्रकाश नारायण ने लड़ाई लड़ी थी उसी पार्टी के साथ आज नीतीश कुमार सरकार चला रहे हैं।

सांसद ने की असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग – रविवार की अहले सुबह औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड अंतर्गत अमझर शरीफ के 3 मंदिरों में असामाजिक तत्वों द्वारा मांस के टुकड़े फेंके गए थे जिस पर सांसद ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की एक सोची समझी साजिश है जो कहीं क्षम्य नहीं है। हम शांतिप्रिय सनातनियों व हिंदू धर्मावलंबियों के धैर्य की परीक्षा लेने का गलत प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन से कड़े शब्दों में हम कहना चाहेंगे कि हिंदू धर्मावलंबियों की जिन लोगों ने भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया है उसके खिलाफ सख्ती से निपटें। उन्हें कानून के विभन्न धाराओं के तहत जेल भेजें अन्यथा बाध्य होकर भारतीय जनता पार्टी सड़क पर उतरेंगी। उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से उस कार्रवाई की अपेक्षा नहीं करते हैं जिसमें निर्दोष लोग को फसाया जाए और दोषी बाहर घूमे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सासाराम एवं बिहार शरीफ में हुआ उस तरह की कार्रवाई से प्रशासन को बचना चाहिए जिसमें बम फेंके कोई और और जेल जाए कोई और, इस मौक़े पर विधान परिषद सदस्य दिलीप कुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा, महिला मोर्चा अध्यक्ष अनिता सिंह, प्रदेष कार्य समिति सदस्य अनिल सिंह, आलोक सिंह, धर्मेंद्र सिंह, गुड़िया सिंह समेत कई अन्य मौजूद थे।

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