
औरंगाबाद। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अन्तर्गत विधिक सेवा सदन में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 40 पारा विधिक स्वयं सेवकों को विधिक जागरूकता के लिये अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही उनके बीच परिचय पत्र का वितरण किया गया तथा राष्ट्रीय विधिक सेवाऐं प्राधिकरण के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से संंबंधित सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों के बीच पंपलेट का वितरण भी किया गया। सचिव द्वारा बताया गया कि आजादी के 75 वर्ष होने के उपलक्ष्य में भारत सरकार वर्ष 2021 में आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है तथा न्याय विभाग भारत सरकार के निर्देश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा दिनांक 02.10.2021 से लेकर दिनांक 14.11.2021 की अवधि में जिला पदाधिकारी के सहयोग एवं समन्वय से जिले में विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित करेगी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/जन जाति, गरीब, पिछड़ा वर्ग में विधिक जानकारी देते हुए जागरूकता कैसे लाया जाए इसपर परिचर्चा कर उन्हें इसके बारे में जागरूकता लाते हुए उन्हें किस प्रकार प्राधिकार द्वारा लाभान्वित किया जा सकता है इसपर विशेष रूप से प्रकाश डाला जायेगा। सचिव द्वारा उपस्थित सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों से भी अपने-अपने क्षेत्र में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों के बीच विधिक जागरूकता लाने का निर्देश दिया गया। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि महिलाऐं या बच्चे, अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति, मानव तस्करी से पीड़ित व्यक्ति, दिव्यांग व्यक्ति, मानसिक रोगी, औद्योगिक कर्मकार, आपदा पीड़ित व्यक्ति तथा राज्य सरकार द्वारा मानक वार्षिक आय से कम आय वाले व्यक्ति के लोग जो अपने संसाधन के साथ अपना विधिक अधिकार नही पा सकते है तो विधिक सेवा प्राधिकार उनको यह सेवा प्रदान करता है इस बारे में विस्तार से बताया और उन्हे निःशुल्क विधिक सेवा प्रदान करने की बात कही। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि यदि ऐसे व्यक्ति जिनका मामला न्यायालय में लम्बित है और वो अपना वाद खर्च वहन नही कर सकते हैं, उनको न्याय शुल्क माफ करने की व्यवस्था के साथ-साथ निःशुल्क अधिवक्ता की व्यवस्था प्राधिकार द्वारा प्रदान किये जाने की बात कही गयी जो जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा बिना किसी प्रतिरोध के प्रदान किया जाता है जिससे कि वे पैसे के अभाव में विधिक सेवा से वंचित न हो जाए। सचिव द्वारा आजादी के अमृत महोत्व से सम्बन्धित कार्यक्रमों को अन्य तिथियों में आयोजित करने की बात भी कही गयी। सचिव द्वारा अन्य तिथियों में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों की उपस्थिति के साथ सभी की सहभागिता पर विशेष जोर दिया गया। उनके द्वारा सभी पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक स्वयं सेवको से से भी कहा गया कि अपनी पहुच अंतिम व्यक्ति तक बनायें जो अपने संसाधन से कोई अधिकार हासिल नहीं कर सकता और इसके लिए उसके पास साधन नहीं है तो उस तबके तक हम पहूचें जिससे कि उनकी समस्या तथा उनके पीड़ा का निवारण हो सके। चालीस क्रमांक के बाद के पारा विधिक् स्वयं सेवको का प्रशिक्षण दिनांक 21/09/2021 को भी जारी रहेगा।