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नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास हैं अधूरा : जिला जज 

महिला सशक्तिकरण पर विशेष कार्यशाला का आयोजन

औरंगाबाद। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार विशेष कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के द्वारा नागरिको का सशक्तिकरण तथा हक हमारा भी तो है कार्यक्रम के तहत 12 दिवसीय चलने वाले वृहत कार्यक्रम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रणव शंकर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुकुल राम जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दया शंकर सिंह, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान गार्गी कुमारी द्वारा विधिवत दीप प्रज्जवलित कर महिला सशक्तिकरण पर आयोजित विशेष जागरूकता सह कार्यशाला कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम मे विधिक सेवा सदन में विभिन्न विद्यालयों की महिला शिक्षिकाओं ने भाग लिया।

गौरतलब हैं कि महिला आयोग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में महिलाओं से संबंधित कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया गया जिसमें जिले के महिला शिक्षकों, की उपस्थिति काफी संख्या में रही। कार्यक्रम का संचालन रिटेनर अधिवक्ता अभिनंदन कुमार द्वारा किया गया। सर्वप्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने उपस्थित महिला शिक्षको को अल्प संबोधन में ही उनके लिए आयोजित कार्यक्रम पर प्रकाश डाला।

जहां उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला को सशक्त होना बहुत आवश्यक है और आप पेशे से शिक्षिका हैं इसलिए विधिक रूप से भी आपको सशक्त होना आवश्यक है जिसके लिए आज यह कार्यशाला आयोजित किया गया है। आप सशक्त होंगें तो आपका परिवार शसक्त होगा। परिवार के सशक्तिकरण से एक सभ्य समाज का निर्माण होता है। वहीं देश की प्रगति व समृद्धि के लिए आपका सशक्त होना आवश्यक है। यह कार्यक्रम कई सत्र में आयोजित किया गया जिसमें अलग-अलग विभाग से आये महिला वक्ताओं ने महिला से जुड़े कानून के साथ-साथ सभी पहलुओं को विस्तार से बताया।

अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने पूरे कार्यक्रम के उद्देश्यों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला, तथा आगांतुकों को बताया कि यह कार्यक्रम सिर्फ आपके लिए नहीं बल्कि आपके माध्यम जुड़े तमाम लोगों के लिए हैं क्योंकि एक महिला का शिक्षित होना पुरे परिवार को शिक्षित होने की गारंटी है। इसलिए आप जागरूक होंगें तो पूरा समाज जागरूक हो जायेगा। आपके माध्यम से पूरे समाज में विधिक जागरूकता फैले जिला विधिक सेवा प्राधिकार का उद्देश्य भी यही है कि आप यहां से कुछ सीख कर जायें और पूरे समाज में इसे फैलायें।

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उन्होंने कहा कि हर दिन नारी का है, हर दिन शक्ति का पर्व है, हर दिन इन्सानियत का हैं जिसका केन्द्र बिंदु नारी है। नारी को समाज का शक्ति बताते हुए जो कि सृजन की शक्ति अपने अंदर समेटी हुई है और उन्हें विकसित तथा पुरस्कृत कर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, न्याय, धर्म, विचार एवं उपासना की स्वतंत्रता व समानता का अवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण है।

इस दौरान पाॅक्सों एवं महिला कानून पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया। इस बात पर विशेष प्रकाश डाला कि आप जिस प्रोफेशन में हैं वहां कार्य के लिए वेतन मिलती है लेकिन आपका दायित्व सिर्फ आपके अपने कार्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि आपने समाज को क्या दिया , इसके लिए भी आपको सोचना होगा और जब आप यह सोचेंगी तो ही आप सब समाज के लिए करेंगीं यही सच्चे रूप से महिला सशक्तिकरण के रूप में समाज में उदाहरण बनेगा।

चूंकि यह पूरे कार्यक्रम को दो चरणों में रखा गया था प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण में पैनल अधिवक्ता स्नेहलता ने महिलाओं के संपत्ति के अधिकार, महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित कानूनों यथा घरेलू हिंसा जैसे महत्वपूर्ण कानूनों पर विस्तृत जानकारी आगांतुकों को उपलब्ध कराया। इसी चरण में पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार ने साईबर क्राईम से जुड़े कानूनों के बारे में विस्तार से बताया तथा कहा कि साईबर या इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराध को छुपाना नहीं है और न ही डरने की जरूरत है। आगे आकर उससे मुकाबला करने की जरूरत है।

कानून तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके हर कदम पर हर परिस्थिति में साथ पायेंगें, चाहे आप नालसा एप के द्वारा अथवा सोसल नेटवर्क यथा टवीट्र, फेसबुक, यू-टयूब के जरीये जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके मदद में खड़ा रहेगा। महिला परियोजना पदाधिकारी कांति सिंह ने महिलाओं से संबंधित अपराध, एवं वन स्टोप सेंटर के बारे में विस्तृत जानकारी महिलाओं को उपलब्ध कराया जिसमें वन स्टोप सेंटर में महिलाओं से संबंधित उनके अधिकारों और समस्याओं का निदान एक ही छत के नीचे कैसे किया जाता है इसके बारे में जानकारी उपलब्ध कराया गया साथ ही उन्हें अपनी समस्याओं के निदान हेतु अपने स्तर से हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया।

इस कार्यशाला के तृतीय चरण में सचिव प्रणव शंकर द्वारा उपस्थित सभी महिला शिक्षिकाओं को मूलभूत कानून की जानकारी उपलब्ध कराया गया जिससे सभी लोग अबतक अंजान थे। सचिव द्वारा उपस्थित महिलाओं द्वारा उठाये गये प्रत्येक सवाल का विस्तार से जबाव दिया। सचिव द्वारा सभी महिलाओं से यह विशेष रूप से अनुरोध किया गया कि जितनी जानकारी आपको उपलब्ध करायी गयी है आप उनमें से आधा भी अपने परिवार, समाज, छात्र, सहयोगी एवं अन्य को बताकर उन्हें विधिक अधिकारों के बारे में जागरूक करते हैं तो हम समझगें कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने वास्तविक उद्देश्यों को प्राप्त कर रहा है। कार्यक्रम में सभी महिलाओ को महिला अधिकार से सबन्धित एक किताब तथा बुकलेट उपलब्ध कराया गया।

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