औरंगाबाद। सदर प्रखंड स्थित औरंगाबाद के अधिवक्ता संघ भवन के प्रांगण में जनेश्वर विकास केंद्र की आनुषंगिक इकाई साहित्य संवाद द्वारा राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रकार एवं लेखक जुगनू शारदेय के आकस्मिक निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। साहित्य संवाद के अध्यक्ष शिव नारायण सिंह के नेतृत्व में दो मिनट का मौन रखा गया एवं मृतक की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। उपस्थित लोगों ने अश्रुपूरित नेत्रों से श्रद्धांजलि देते हुए जुगनू शारदेय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे उच्च कोटि के लेखक एवं पत्रकार थे। उनकी ख्याति राष्ट्रीय स्तर की थी। औरंगाबाद जिले में उनकी कर्मभूमि थी। उनके बचपन का नाम रामचंद्र गुप्ता था। जो बाद में जुगनू शारदेय के नाम से अपनी लेखनी के माध्यम से पूरे देश में एक अलग पहचान बनाई। विदित हो कि जुगनू शारदेय का औरंगाबाद जिलें के शाहपुर में ननिहाल था। वे हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा औरंगाबाद से ग्रहण किए थे।लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल उनके बचपन के सहपाठी थे। यही नहीं जुगनू शारदेय समाजवादी धारा के प्रखर स्तंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी सलाह मशविरा किया करते थे। लोगों ने यह भी कहा कि फणीश्वर नाथ रेणू, कमलेश्वर, धर्मवीर भारती, मधु लिमए, जॉर्ज फर्नांडिस जैसे दिग्गज व्यक्तित्व भी जुगनू शारदेय के लेखनी के कायल थे। इस शोक सभा में जनेश्वर विकास केंद्र के केंद्रीय अध्यक्ष रामजी सिंह, केंद्रीय सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी, अधिवक्ता कमलेश कुमार सिंह, साहित्य संवाद के सचिव सुरेश विद्यार्थी अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, अजीत कुमार सिंह, दया पात्र सिंह, जसवंत कुमार, रामाश्रय पांडेय, गोपाल राम, सहित अन्य उपस्थित थे। लोगों ने एक प्रस्ताव भी लाया की जुगनू शारदे के व्यक्तित्व के बारे में संपूर्ण जानकारी अध्यक्ष शिव नारायण सिंह एवं सचिव सुरेश विद्यार्थी द्वारा उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी दी गई जिससे जिले वासी उनके व्यक्तित्व से अवगत हो सकें।
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