सासाराम (रोहतास) भारत एक प्रगतिशील राष्ट्र हैं। जहां 120 करोड़ से अधिक आबादी रहती है। भारत सरकार द्वारा हर वर्ष देश के नागरिकों में ईमानदारी और संगठन शीलता जागृत करने हेतु सतर्कता सप्ताह का अयोजन किया जाता है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की पहल से देश के सभी विश्वविद्यालयों में सतर्कता दिवस मनाया जा रहा है इसी सिलसिले में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय भी आयोजन किया गया। जहां मंगलवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा एक लघु संगोष्ठी आयोजित कर छात्रों को सतर्कता, कानून व्यवस्था एवं अन्य संबंधित जानकारी दी गई। विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अमित मिश्रा ने 2003 में पारित सतर्कता कानून विधेयक की चर्चा करते हुए छात्रों को बताया कि इस कानून का उद्देश्य विकास में व्याप्त अवरोध को मिटाना है। ताकि लोगो में संप्रुभता आए और देश का विकास हो। इसके लिए मीडिया के छात्रों को सोशल मीडिया या अन्य संचार माध्यमों द्वारा सही तथ्यों का प्रचार प्रसार कर सामाजिक आर्थिक जागरूकता पैदा करना चाहिए। गौरतलब है कि गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय राज्य का पहला ऐसा निजी विश्वविद्यालय हैं। जहां शोध पाठ्यक्रम को बढ़ावा दिया जा रहा है। सतर्कता के अवसर पर विश्वविद्यालय में सभी विभागों एवं महाविद्यालयों द्वारा कई कार्यक्रम पूर्व से आयोजित किए जा रहे थे। मंगलवार को इस सतर्कता सप्ताह का आखरी दिन था। इस कार्यक्रम में विभाग के सभी प्राध्यापकों ने केंद्रीय सतर्कता के बारे में जानकारी दी जिसमें सहायक प्राध्यापक फहमिन हुसैन, अमित सिंह, पूजा कौशिक, चंचल सिंह सभी ने चित्रों एवं स्लोगन के माध्यम से सर्तकता के बारे में छात्रों को बताया। इस अवसर पर विभाग के छात्र आयुष मिश्रा, रोहित कुमार, विश्वजीत कुमार, सोनम कुमारी, प्रीति कुमारी, श्रीओम, नित्या सिंह सहित अन्य छात्र उपस्थित थे।
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