
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे पुनरीक्षण मतदाता कार्यक्रम का राष्ट्रीय जनता दल के जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने विरोध जताया हैं। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने बताया कि इस प्रक्रिया से बीजेपी-आरएसएस बिहार के ग़रीबों के मतदान का अधिकार ख़त्म कर देना चाहती है। बिहार के प्रवासी मजदूर वंचित दलित गरीब अशिक्षित पिछड़ा अति पिछड़ा मजदूर दलित जो अधिक संख्या में मतदाता है। इस कार्यक्रम के तहत उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया जाएगा और वे मतदान करने से वंचित रह जाएंगे। चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। देश के हर नागरिक को जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज है उनको मतदान करने का संवैधानिक और मौलिक अधिकार दिया गया है। निर्वाचन आयोग से मांग करता हूं कि मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम पर अभिलंब रोक लगावे ताकि वोट देने का अधिकार ऐसे लोगों को समाप्त न हो।
उन्होंने कहा कि राजद हमेशा लोकतंत्र और भारतीय संविधान का पक्षधर रहा है और गरीब-गुरबा वंचित समाज के लिए संघर्ष किया है। आगे भी करता रहेगा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा पुनरीक्षण मतदाता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें सभी मतदाताओं को डोर टू डोर गणना प्रपत्र प्रारूप बीएलओ द्वारा दिया जा रहा है ये कार्य ऐसे समय में करवाया जा रहे हैं की बिहार में विधानसभा का चुनाव नजदीक है। गणना प्रपत्र प्रारूप में प्रत्येक मतदाताओं को घोषणा करना है कि जिनका जन्म तिथि 01.07.1987 के पूर्व हुआ है या जिनका जन्म तिथि 01.07.1987 एवं 02.12.2004 के बीच हुआ है तो उनको जन्मतिथि और जन्म स्थान प्रमाणित करने के लिए पिता या माता का जन्म प्रमाण पत्र देना होगा या सरकार, स्थानीय निकाय, बैंक, डाकघर, एलआईसी एवं पीएएसयू द्वारा 01.07.1987 से पूर्व निर्गत कोई भी पहचान पासपोर्ट या शैक्षिक प्रमाण पत्र निवास प्रमाण पत्र वन अधिकार प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र एनआरसी पारिवारिक सूची भूमि आवंटन प्रमाण पत्र इत्यादि घोषणा पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य है नहीं तो मतदाता सूची में से मतदाता का नाम कट जाएगा और वे वोट देने का अधिकार नहीं बच पाएगा।