मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। नौ सितंबर को अयोजित होने वाली लोक अदालत को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार युद्ध स्तर की तैयारियों में जुटा हुआ है, ताकि अधिक से अधिक लघु वादों का निपटारा किया जा सके जिसके मद्देनजर बुधवार को प्राधिकार के सभाकक्ष में जिले के विभिन्न थानों में पदस्थापित प्रशिक्षु अवर निरीक्षकों को सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर ने मोटर दुर्घटना अधिनियम, सुचना एवं प्रधोगिकी अधिनियम, विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम, बिहार पीड़ित प्रतिकार अधिनियम जैसे विभिन्न कानूनों का उपयोग एवं उपयोगिता का प्रशिक्षण दिया। मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली – 2022 के नये प्रावधानों से अवगत कराते हुए बताया कि उक्त मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली के अंतर्गत अनुसंधानकर्ता अथवा थानाध्यक्ष को घटना के समय से ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौपी गयी है और इसके लिए कई प्रपत्र बनाये गये हैं, सभी प्रपत्र अनुसंधानकर्ता एवं थानाध्यक्ष के स्तर से भरे जाने होते हैं तथा इसकी सूचना संबंधित बीमा कंपनी तथा मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण को ससमय भेजनी होती जिसकी कई पहलुओं की जानकारी सभी प्रशिक्षु अवर निरीक्षकों को दिया गया। इसके साथ-साथ सूचना अधिनियम और उससे संबंधित साक्ष्य अधिनियम की जानकारी प्रशिक्षु अवर निरीक्षकों को सचिव के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के क्रम में उनके द्वारा बताया गया की जानकारी के अभाव में कई गलतियाां अनुसंधानकर्ता करते है जिसका सीधा लाभ अभियुक्तों को मिलता है इसलिए अनुसन्धान के क्रम में सम्बन्धित साक्ष्य अधिनियम और अधिनियमों का अक्षरशः बातों को जरुर ध्यान में रखे और पालन करें। इसके साथ-साथ प्रशिक्षु अवर निरीक्षकों को प्राधिकार के कार्य से सम्बंधित कानून, बिहार पीड़ित प्रतिकार से संबंधित कानून जैसे कई महत्वपूर्ण कानूनों से उन्हें अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के क्रम में प्रशिक्षु अवर निरीक्षकों के कई सवालों के जबाब भी तत्काल उन्हें दी गयी ताकि भविष्य में उन्हें विधि व्यवस्था और कर्तब्य पालन में काम आये।
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