
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। न्यायलय की अवमानना पर थानाध्यक्ष को शॉकोज किया गया। वहीं संदेह उपस्थित होकर जबाब मांगा है। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के अवर न्यायिक दंडाधिकारी षष्ठम मनीष कुमार पांडेय ने कुटुंबा थाना की एक कांड में सुनवाई करते हुए थानाध्यक्ष / अनुसंधानकर्ता को शॉकोज करते हुए कहा कि न्यायालय में प्रस्तुत मामले की अधतन समस्त दस्तावेज, ज़ख्म प्रतिवेदन, कांड दैनिकी प्रस्तुत करें यथा लिखित जवाब दें कि आखिर किन परिस्थितियों में न्यायिक आदेश का अनुपालन नहीं किया जा सका। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि उक्त थाना की एक कांड में 15.02.23 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी जिसमें मामले की सुनवाई को लेकर कुछ आवश्यक दस्तावेजों की मांग न्यायालय द्वारा की गई थी। वहीं उक्त दस्तावेज़ पटना हाईकोर्ट द्वारा 26.07.23 को मांग की गई जिसमें 01.08.23 को आरक्षी अधीक्षक औरंगाबाद को हाईकोर्ट के आदेश का शिघ्र अनुपालन सुनिश्चित कराने वास्ते पत्र लिखा गया था। इसके बावजूद भी 26.08.23 तक उल्लेखित दस्तावेज अप्राप्त होना घोर लापरवाही एवं न्यायिक आदेश का अवमानना मानते हुये शॉकोज किया गया हैं जिसमें सोमवार यानी आज सदेह उपस्थित होकर जबाब मांगा है।