क्राइम

दहेज हत्यारोपी पति को सात साल की सज़ा एवं जुर्माना

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। दहेज हत्यारोपी पति को दो साल बाद सात साल की सज़ा और जुर्माना लगाया गया है। सजा प्राप्त अभियुक्त कुटुंबा थाना क्षेत्र के दधपा बिगहा गांव निवासी लव कुमार मेहता हैं। शादी के दो माह बाद नवविवाहिता को पांच लाख रूपया दहेज़ के लिए प्रताड़ित की जाने लगी थी जिसे पूर्ति न कीए जाने पर उसकी हत्या कर दिया गया था। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडीजे तीन ब्रजेश कुमार सिंह ने कुटुंबा थाना एक कांड में सज़ा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त को सज़ा सुनाई है। एपीपी महेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अभियुक्त को 01.08.23 को भादंवि की विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया था। आज सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश ने सात साल की सजा एवं दस हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास होगी।

सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने कम से कम सज़ा की मांग की। वहीं सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए एपीपी ने कहा कि दहेज हत्या समाज के लिए अभिशाप है। इसलिए अधिकतम सज़ा सुनाई जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात न्यायधीश ने सजा सुनाई। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि घटना को लेकर झारखंड प्रदेश के पलामू ज़िले के दुल्ही पंडवा गांव निवासी महेंद्र मेहतो ने दहेज़ हत्या का मुकदमा 23.09.21 को दर्ज़ करवाया था जिसमें बताया कि उनकी छोटी पुत्री प्रीति कुमारी की शादी कुटुंबा थाना क्षेत्र के दधपा बिगहा गांव निवासी लवकुमार मेहता से 14.05.21 को पूरे हिंदू रीति रिवाज से हुई थी। शादी के दो माह बाद ससुराल वालों ने पांच लाख रुपयों की मांग करने लगे। साथ ही पुत्री को मानसिक एवं शारीरिक यातना देने लगे जिसकी जानकारी उनकी पुत्री ने फ़ोन पर दी। लेकिन असमर्थता के कारण पिता ने पुत्री को दिलासा देते रहे कि सब समय के साथ ठीक हो जाएगा।

इस दौरान पुत्री कुछ दिनों के लिए मायके आकर फिर 20.09.21 को ससुराल चली गई जिसमें 22.09.21 को ससुराल के ग्रामीणों ने फोन पर जानकारी दी और बताया कि आपकी पुत्री को ससुराल वालों ने हत्या कर शव को ठिकाने लगाने नदी की ओर गए हैं। जब हम वहां पहुंचे तो पुत्री की ससुराल वाले देख भाग खड़े हुए। इसके बाद देखा की पुत्री की शव एक बोरे में रखा गया है जिसके गर्दन पर रस्सी के निशानी थे। तत्पश्चात घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इस वाद में अभियुक्त पहली बार पांच दिन पूर्व ही हाईकोर्ट से जमानत पर छुटा था जिसकी चर्चा न्यायालय में हो रही थी।

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