
औरंगाबाद। कृषि बिल, बढ़ती महंगाई, रोजगार व बिगड़ते कानून व्यवस्था के विरोध में विभिन्न राजनितिक संगठनों ने भारत बंद का समर्थन किया। इसी सिलसिले में महागठबंधन के नेताओं ने शहर के रमेश चौक स्थित सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि इस दौरान आपात प्रतिष्ठानों सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाधित नहीं किया गया। कांग्रेस-राजद नेताओं ने कहा कि इस बिल ने देश के अन्नदाताओं को कमर तोड़ दिया है। इस बिल की वजह से किसान और गरीब होता जाएगा। इस बिल को हर हाल में सरकार को वापस लेना चाहिए। किसान विरोधी कानून, महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों को लेकर आज भारत बंद किया गया है। किसानों के हित की आवाज संसद में दबाई जा रही है और सड़क पर किसान पीटे जा रहे हैं, और सांसद में एमएसपी की चर्चा तक नहीं है।
यदि केन्द्र सरकार किसानों को एमएसपी देना अनिवार्य करें और निर्धारित मूल्यों से कम फसलों की भुगतान करने वाले लोगों पर सरकार नकेल कसे और दोषीयों को सजा दे तो, हम अपना आंदोलन वापस ले लेंगे। नेताओं का दावा है कि पूरे भारत से लोगों का भारी समर्थन मिला है, भारत बंद सफल रहेगा। इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि शांति बनाए रखे, कानून के दायरे में रहकर बंद को सफल बनाएं। नेताओं ने कहा कि बिहार में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे है, और जगह-जगह वे पुलिस की लाठीयों के भी शिकार हो रहे है। इसका सिधा जिम्मेदार केन्द्र सरकार है। नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगी तब तक हम सड़क जाम एवं उनके नीतियों का विरोध करते रहेंगे। इस दौरान राजद जिलाध्यक्ष सुरेश मेहता, कांग्रेस नेता अरविंद शर्मा, प्रदेश महासचिव ई. सुबोध कुमार सिंह, जिला प्रवक्ता डॉ. रमेश यादव, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष उदय उज्जवल, प्रधान महासचिव अनिल टाइगर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह, चुलबुल सिंह, इसुफ़ आजाद अंसारी, अक्षय लाल पासवान, युवाध्यक्ष ई. राहुल यादव, छात्र अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र पासवान, वाम दल नेता सीनेश राही, उपेंद्र नाथ शर्मा, युवा नेता सुशील कुमार, बिकास यादव, सुबोध कुमार सहित अन्य सैकड़ों लोग उपस्थित थे।