औरंगाबाद। केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए गए बंद के दौरान रफीगंज में जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव सह किसान प्रकोष्ठ प्रभारी संदीप सिंह समदर्शी ने कृषि कानून की वापसी, बढ़ती महंगाई, यूरिया की कालाबाजारी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गलत शिक्षा नीति और कानून व्यवस्था के खिलाफ आयोजित भारत बंद में जनता के सहयोग से भारत बंद का दिखा असर। समदर्शी ने कहा कि किसान आंदोलन के 10 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार किसानों मांग को अनदेखा कर रही है। केंद्र की मनमानी के कारण किसानों को सड़कों पर बेमौत मरना पड़ रहा हैं, क्योंकि सरकार को किसानों से नहीं, उन कारपोरेट घरानों से ज्यादा मतलब है जिनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोस्ताना संबंध है। इसीलिए नरेंद्र मोदी आज उन कॉर्पोरेट के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। इस लोकतांत्रिक देश में जनता को सरकार पैरों तले रौंद रही हैं। बढ़ती महंगाई एवं रोजगार के अभाव में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। समदर्शी ने कहा कि बिहार में खाद की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी की जा रही है, जिसके कारण किसानों की हाल बेहाल है। खाद के अभाव में उनके फसल प्रभावित हो रहे हैं। जगह-जगह उन्हें अंधाधुंध लाठियों से पीटा जा रहा है। डबल इंजन की सरकार किसान, नौजवान, खेत, मजदूर तथा छात्रों के साथ मनमानी कर रही है। इन्हीं सब समस्याओं के कारण आज भारत बंद बुलाया गया है जिसमें आम जनों का भी काफ़ी समर्थन मिल रहा है। इस मौके पर तत्कालीन प्रखंड अध्यक्ष अरविंद कुमार भगत, किसान नेता कृष्णा यादव, पार्टी नेता संजय कुमार सिंह, सुरेंद्र कुमार सिंह, पप्पू कुमार, मुन्ना कुमार, छात्र नेता आनंद कुमार, कुन्दन कुमार कार्यालय सिटी सचिव सुभाष राय सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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