औरंगाबाद। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने आज भारत बंद के ऐलान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में विपक्ष के द्वारा षड्यंत्र रचते हुए आज जो भारत बंद का ऐलान किया गया है। वह पूरी तरह से विफल रहा। इसका कहीं भी असर नहीं दिखा, और न लोगों का समर्थन मिला। बाजारे खुली रही, सड़कों पर गाड़ियां दौड़ती दिखी। सभी अपने अपने कामों में व्यस्त दिखे। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे बहकावे में भारत की जनता नहीं आना चाहिए। जानकारी के मुताबिक इस बंदी में 40 से अधिक किसान संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। किंतु आज के बंदी की विफलता को देखते हुए ऐसा प्रतीत हुआ कि देश के किसान इनके बहकावे में नहीं आए हैं। केंद्र सरकार के कृषि कानून से उन्हें किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है, यह सिर्फ विपक्षी दलों का षड्यंत्र है, जो सरकार को बदनाम करने की प्रयास की जा रही है। किसान अपने खेतों में काम कर रहे हैं और उन्हें उचित दाम पर अपना अनाज बेच रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पारित नई कृषि कानून देश के किसानों को लाभ पहुंचाने का काम कर रहा है। देश के किसान खुशहाल है एवं विभिन्न कृषि योजनाओं का पूर्ण लाभ उठा रहे हैं। फसल बेचने से लेकर फसल बर्बाद होने तक किसानों को पूर्ण लाभ प्रदान किया जा रहा है। किंतु केंद्र सरकार के विपक्ष में काम कर रहे राजनीतिक पार्टियों को यह गवारा नहीं हो रहा और वे भोले-भाले, गरीब मजदूरों को पैसे की लालच देकर और लोगों को भड़का कर सड़क पर उतारने का काम करते हैं जिसे किसान बंदी का नाम देते हैं। देश का किसान सड़कों पर नहीं बल्कि खेतों में है और देश के लिए अनाज उपजाने का काम कर रहे हैं ना कि देश की संपत्ति को बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। यह एक षड्यंत्र है एक साजिश है जो पूरी तरह नए कृषि कानून आने के बाद जो बीच में बिचौलियों का कारोबार रुक गया। उसी को फिर से प्रारंभ करने के लिए इनके द्वारा नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। आंदोलन पूरी तरह विफल रहा। इसमें ना किसानों का और ना ही आम जनमानसों का समर्थन मिला।
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