मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। जमानत याचिका एवं लंबित वादों के निष्पादन पर जोर देते हुये पटना हाई कोर्ट के नये निरीक्षी न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने पहली बार व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद का निरिक्षण के दौरान यह बातें कही है। इस दौरान न्यायमूर्ति के आगमन को लेकर पूरे न्यायालय परिसर में चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी थी।
वहीं इसके बाद न्यायमूर्ति ने औरंगाबाद न्यायालय के सभी जजों के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने अधिक से अधिक जमानत याचिका एवं लंबित वादों को निष्पादन पर जोर दिया। इसके अलावा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, सचिव एवं वरीय अधिवक्ताओं के साथ भी उन्होंने वार्ता किया। वहीं निरीक्षी जज ने अपना अनुभव साक्षा करते हुए कहा कि गत 30 वर्षो से अधिक अधिवक्ता समाज पटना में रहा हूँ, अधिवक्ताओं की सुख-दुःख से अवगत हूँ। आप सभी दीवानी वादों के शिघ्र निष्पादन में न्यायाधीशों को भरपूर सहयोग करें। हम भरोसा दिलाते हैं कि सिविल वाद के आवेदनों पर शिघ्र करवाई होंगी। विधिक संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने निरीक्षी जज को बुके देकर स्वागत किया। वहीं व्यवहार न्यायालय के नये भवन का उद्घाटन मार्च माह में होने की संभावना हैं।
इसके पश्चात उन्होंने जिला जज मनोज कुमार तिवारी एवं जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल से विशेष बातचीत करते की। तथा विधिक कार्या में तेज़ी लाने के लिए कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। यह जानकारी अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने दी है।