
औरंगाबाद। शुक्रवार को जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल एवं जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस औरंगाबाद का भ्रमण किया। केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ नित्यानन्द ने केंद्र मे आये हुए जिलापदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी का स्वागत किया। वहीं कृषि विज्ञान केन्द्र मे चल रहे विभिन्न गतिविधियों एवं परियोजनाओं के बारे मे विधिवत जानकारी देते हुए जिलाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी को कृषि विज्ञान केन्द्र में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अन्तर्गत 10 प्रकार के विभिन्न तकनीकी से गेंहू, मसूर, चना, राई, आदि का विभिन्न प्रजातियों का अवलोकन किया एवं फसल अवशेष प्रबंधन मे प्रयोग होने वाले मशीनों जैसे, स्ट्रा बेलर, हैप्पी सीडर, राइस व्हीट ट्रांसप्लांटर आदि के विशेष गुण के बारे मे जानकारी दी। केंद्र मे स्थापित मौसम यूनिट, वर्मीकम्पोस्ट, औषधीय एवं सुगंधित पौध वाटिका, बकरी पालन यूनिट, कड़कनाथ मुर्गी उत्पादन यूनिट, प्रशासनिक भवन का भ्रमण किया। जलवायु अनुकूल खेती कार्यक्रम के अन्तर्गत बायोचार यूनिट जिससे फसल अवशेष को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति मे जलाकर उच्च कोटी के बायोचार उत्पाद का उत्पादन किया जा सकता है। धान के 1 टन पराली से 6.2 किलोग्राम नाइट्रोजन, 1.1 किलोग्राम फॉसफोरस, 19 किलोग्राम पोटाश, 1.35 किलोग्राम सल्फर पाया जाता है अगर बायोचार विधि से 1 टन बायोचार उत्पाद से 5-6 किलोग्राम नाइट्रोजन, 1.6-2.2 किलोग्राम फॉसफोरस, 28-32 किलोग्राम पोटाश, के साथ साथ सूक्ष्म पोषक तत्व भी प्राप्त होता जिससे मृदा स्वास्थ मे सुधार होता है जिससे फसल उत्पादकता मे बृद्धि होता है। उन्होंने कहा की औरंगाबाद जिला के कृषक अपनी लगन, मेहनत कर्मठता एवं कृषि विज्ञान केन्द्र से तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर अपनी आमदनी दसगुना तक बढ़ाया है। केन्द्र मे उधमिता विकास हेतु 5 दिवसीय गाय पालन एवं केंचुआ खाद उत्पादन विषय पर आयोजित प्रशिक्षण का उद्घाटन जिलाधिकारी ने की। कृषकों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने स्वरोजगार से स्वावलंबन की ओर अग्रसर होने का सलाह दिया। साथ ही चना समूह प्रत्यक्षण के लिए चयनित किसानों को बीज एवं बीजोपचार समाग्री का वितरण जिलाधिकारी महोदय ने किया। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा की कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस के द्वारा किसानों की आमदनी दुगनी करने हेतु विस्तृत तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जिससे किसानों के उत्पादकता मे बृद्धि हो रहा है। किन्तु जब तक कृषक जागरूक नही होंगे तबटक आमदनी दूनी करने का लक्ष्य पूरा नही हो सकता है। इसलिए आप कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस से तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर उसे धरातल पर उतरे तभी कृषक अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। केन्द्र मे आये हुये आरएडब्लूइ छात्रों से भी उनके द्वारा यहा सखी गए तकनीकी जानकारी का भी ली। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र, के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना किया। इस मौके पर केन्द्र के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।