मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। सरकारी योजनाओं को पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के कितने भी प्रयास हों, इसमें भ्रष्टाचारी लूट का रास्ता खोज ही लेते हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के ऱफीगंज प्रखंड के ढ़ोसिला पंचायत के कियाखाप गांव की हैं। जहां मनरेगा योजना की मानदंडों को ताक पर रखकर स्थानीय मजदूरों के साथ हकमारी की जा रही हैं। कियाखाप गांव के मुख्य पथ से कौआ खाप सिवाना तक मिट्टी भराई कर रास्ता निर्माण कार्य गोह प्रखंड के झिकटिया गांव के मजदूरों से करवाया जा रहा है।
इस निर्माण कार्य को लेकर जन अधिकार पार्टी (लो०) के प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय गरीब- मजदूरों के साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सरकार द्वारा पलायन रोकने के लिये मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा हैं, और यह सही मायनों में मजदूरों के लिए कल्याणकारी भी साबित हो रही हैं जिससे स्थानीय स्तर पर गरीबों को रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं, वहीं उक्त रास्ता निर्माण में जो भी मजदूर कार्य कर रहे हैं, वे सभी गोह प्रखण्ड के झिकटिया गांव के दूधनाथ, नारायण बिंद, सविता देवी, सविता, कविता देवी, देवकुमार, संजय बिंद, सुरेश बिंद, गौरी शंकर कुमार है। जो सरासर ग़लत हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कार्यस्थल पर बोर्ड नहीं लगा है। योजना की जानकारी कहीं नहीं लिखा गया। उन्होंने मामले में जिला पदाधिकारी से जांच की मांग की है। कहा कि मनरेगा में लूट- खसोट और सरकारी राशियों में बंदर बाट हो रहा है।
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