मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। 23 साल पुराने दहेज़ हत्याकांड में कोर्ट ने सुनवाई की गई है जिसमें शादी के कुछ ही दिन बाद नवविवाहिता की हत्या कर दी गई थी। मामले में हत्यारोपी पति एवं उसके दोस्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा प्राप्त अभियुक्त उपहारा थाना क्षेत्र के बुधई गांव निवासी राम प्रवेश साव एवं राजेंद्र साव हैं। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने उपहारा थाना की एक कांड में सज़ा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
एपीपी देवीनंदन सिंह ने बताया कि दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पच्चीस हजार जुर्माना लगाया है, जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी। दोनों अभियुक्त को 25.04.23 को दोषी ठहराया गया था तथा बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक थाना क्षेत्र के सहरसा गांव निवासी एकबाली साव ने बताया कि शादी के कुछ ही दिनों बाद यानी 12.03.2001 को गांव की पूर्व दिशा की ओर उनकी पुत्री की शव बरामद किया गया था।
इस घटना को लेकर समझते देर नहीं लगी की उसकी हत्या दहेज़ को लेकर उसके ससुराल वालों ने कर दी है और शव यहां फेंक दिया है। ससुराल वालों द्वारा पूर्व में दहेज विभिन्न सामाग्रियों की मांग की गई थी। लेकिन आर्थिक असमर्थता के कारण पूर्ति नहीं की जा सकी। पुत्री की शादी बड़े धूमधाम से बुधई गांव निवासी रामचन्द्र साव के पुत्र रामप्रवेश साव के साथ की गई थी। इसके बाद हत्याकांड में अपने दामाद, उसके मित्र राजेन्द्र साव, ससुर रामचन्द्र साव, सास राजमणि देवी को नामजद आरोपी बनाया था।
घटना स्थल निरीक्षण, मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट, आरोप पत्र, गवाही से घटना की सत्यता प्रकट हुए थे। लेकिन मामले में 25.04.23 को ससुर और सास को निर्दोष पाते हुए रिहा किया गया था आज सजा के बिंदु पर अभियुक्त के छोटे – छोटे बच्चों के दुहाई लगाते हुए बचाव पक्ष ने कम से कम सज़ा की मांग की लेकिन एपीपी देवीनंदन सिंह ने कहा कि दूसरी शादी कर लेने से पहली पत्नी के हत्या की पाप खत्म नहीं होता, समाज में अच्छा संदेश जाएं इसलिए आरोपी को अधिकतम सज़ा हो जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात जज ने फैसला सुनाया जिसे सुनकर अभियुक्त तथा उनके परिजन रोने लगे।