मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद अब इस मसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आए है जिसमें कुछ लोगों ने बजट की सराहना की है तो कुछ ने सरकार को कोसा है। ज़िला पार्षद शंकर यादव ने कहा कि इस बजट से बिहार के लोगों को काफी उम्मीद थी। लेकिन वित्त मंत्री के बजट भाषण में बिहार के नाम का जिक्र तक नहीं हुआ। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो दूर की बात है। भाजपा ने एक बार फिर ठगने का काम किया है। देश में महंगाई, बेरोजगारी और बेतहासा बढ़ गई है, लेकिन इसको रोकने के लिए कोई वजन नहीं दिखा है।
उन्होंने कहा कि साल 2014 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, तब नरेंद्र मोदी सरकार ने वादा किया था कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी और हर व्यक्ति के पास एक घर होगा। इसके अलावा 2022 तक नौकरी या व्यक्तिगत रोजगार देने का वादा किया था। अब साल 2023 आ गया है लेकिन उनकी जुमलेबाजी की आदत नहीं गई।
राजद ज़िला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने कहा कि इस केंद्रीय बजट की सबसे खास बात यह रही कि मिडिल क्लास लोगों को इनकम टैक्स में सात लाख रुपये की आय तक छूट दी गई है। अच्छी बात हैं लेकिन मौजूदा हालत यह है कि लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं तो टैक्स की कल्पना कहा से होगी हैं। इसमें केवल पूंजीपतियों का ध्यान रखा गया है। बजट में जहां गांव, किसान और नौजवानों की घोर उपेक्षा की गई है वहीं बिहार के साथ फिर इस बार नाइंसाफी की गई है। वहीं बजट में मनरेगा का जिक्र ही नहीं किया गया।
राजद नेता राधे प्रसाद यादव ने कहा कि इनकम टैक्स में छूट आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने के अलावा और कुछ नहीं है। हर उत्पाद की कीमत इन दिनों आसमान छू रही है। आम लोगों का जीवन आसान नहीं होता है। यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसका इलाज कराना आसान नहीं होता, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय बजट में इन बातों पर ध्यान नहीं दिया।