
औरंगाबाद। आम धारणा है कि चिकित्सकों को दूजा भगवान के रूप में जाना जाता है, चिकित्सकों से अपेक्षित है कि इस आम धारणा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करें। यह उक्त बातें सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए अस्पताल के विषेशज्ञ चिकित्सकों के साथ समाहरणालय के सभागार में आहूत एक बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल द्वारा कही गई।
जिला पदाधिकारी द्वारा सभी चिकित्सकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि आम जनों को ऑपरेशन सहित विशेषज्ञ चिकित्सक की सुविधा मिले इस दिशा में अपने स्तर से आवश्यक कार्य करेंगे। जिला पदाधिकारी द्वारा इस विषय की नियमित समीक्षा हेतु लगातार बैठक आयोजित करने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ कुमार वीरेंद्र प्रसाद को दिया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर किशोर कुमार को जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि चिकित्सकों के कार्यों की अपने स्तर से समीक्षा करेंगे। महिला चिकित्सक हर शिफ्ट में फिजिकली उपस्थित रहे यह सुनिश्चित कराया जाए तथा अगले बैठक में चिकित्सकों के कार्यों की विवरणी उपलब्ध कराई जाए। किसी भी परिस्थिति में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति को मिलना चाहिए।
इस क्रम में निर्देशित किया गया कि सदर अस्पताल में जेनरल सर्जरी की शुरुआत कराई जाए। सिविल सर्जन औरंगाबाद को इस क्रम में निर्देशित किया गया कि जो चिकित्सक बैठक में भाग नहीं लिए हैं उनसे स्पष्टीकरण पूछा जाए। साथ ही निर्देश दिया गया के चिकित्सकों को ऑपरेशन इत्यादि करने के क्रम में यदि किसी प्रकार की समस्या आ रही है और किसी प्रकार के संसाधन की आवश्यकता है तो उसे उपलब्ध कराया जाए।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ कुमार मनोज द्वारा स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से दी गई। प्रस्तुतीकरण के क्रम में स्पष्ट हुआ कि आंख रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष कुमार द्वारा ओपीडी एवं आंख ऑपरेशन का काम नहीं किया जा रहा है। इसी प्रकार पाया गया कि सिजेरियन सेक्शन ऑपरेशन के प्रति जनरल सर्जन द्वारा रुचि नहीं ली जा रही है। हड्डी रोग के डॉक्टरों द्वारा भी हड्डी रोग से संबंधित ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है।
विशेषज्ञ महिला चिकित्सक डॉ इंदिरा प्रियदर्शिनी द्वारा उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं, जिसको लेकर उनकी प्रशंसा की गई। डॉक्टर लालसा सिन्हा एवं डॉ रिचा चौधरी को और अच्छा प्रदर्शन करने हेतु कहा गया। डॉ रुचि कुमारी द्वारा एक भी ऑपरेशन एवं एक भी बंध्याकरण ऑपरेशन नहीं किया गया था जिसके प्रति निराशा व्यक्त की गई, किंतु डॉ रुचि कुमारी द्वारा ऑपरेशन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
इस दौरान सिविल सर्जन कुमार वीरेंद्र प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार, डीआरयू टीम लीडर उर्वशी प्रजापति, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, सदर अस्पताल के प्रबंधक हेमंत राजन, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी अविनाश कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।