मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। मगही भाषा को वैधानिक दर्जा देने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय स्थित दानी बिगहा के समीप प्रगतिशील मगही समाज की ओर से धरना दिया गया। वक्ताओं ने बताया कि मगध प्राचीन काल से गौरवशाली एवं समृद्धशाली जन गोष्टी रहा है इसे स्वतंत्र सामाजिक आर्थिक इकाई का वैधानिक दर्जा देने की मांग को लेकर धरना दिया गया। उसके बाद जिला पदाधिकारी के माध्यम से गृह मंत्री भारत सरकार मुख्यमंत्री बिहार सरकार को मांग पत्र भेजा गया। कार्यक्रम में प्राउटिस्ट सर्व समाज के महिला मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव अर्चना गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
धरना को संबोधित करते हुए डॉ गौरी शंकर यादव ने कहा कि मगध अपने आप में पूर्ण आत्मनिर्भर सामाजिक आर्थिक इकाई हैं जिसकी अपनी भाषा, संस्कृति, इतिहास, नस्ल भौगोलिक स्थिति और भावनात्मक विरासत है जिसे आज तीन राज्य बिहार झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य का बलरामपुर जिला में विभक्त कर दिया गया है। यह कृत्य पूर्ण रूप से प्रकृति विरोधी है क्योंकि संगोष्ठी पूरी तरह से प्राकृतिक व्यवस्था और प्राकृतिक संरचना होता है। प्रकृति ने मगध को पूर्ण आत्मनिर्भरता के लिए अपार संसाधन उपलब्ध किया गया है, अगर मगध को पूरे भू भाग को एकीकृत कर इसे स्वतंत्र सामाजिक आर्थिक इकाई का वैधानिक अधिकार मिल जाए तो यहां शत-प्रतिशत स्थानीय रोजगार सृजन होगा।
पूंजीवादी व्यवस्था के शोषण जाल से मुक्ति मिल जाएगी । जिला सचिव राजेंद्र पाठक ने कहा कि भारत के लोग अपने अपने जन गोष्ठी में जनआधारित व्यवस्था के लिए जागरूक होने लगे हैं। यही कारण है कि आज के दिन सिर्फ मगध ही नहीं बल्कि भारत के सभी प्रमुख 44 जन गोष्ठियों में प्राउटिस्ट सर्व समाज के अगुवाई में उक्त मुद्दा पर धरना के माध्यम से सरकार को मांग पत्र भेजा जा रहा है। धरना को संबोधित करते हुए संगठन सचिव राम प्रमोद शर्मा ने कहा कि राज्य की अवधारणा पूंजीवादी संस्कृति है जिसमें जन गोष्ठियों के सह अस्तित्व आदि अस्मिता कुचला जाता है आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता मंतोष कुमार सिंह ने किया। मौक़े पर मीडिया प्रभारी कृष्ण चंद्र सिंह, कुसुम देवी, रणविजय सिंह, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद गुप्ता, विनय गुप्ता, रिंकू पंडित, नंदकिशोर, अर्जुन सिंह, जोगेंद्र पाल, अनूप कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।