विविधहादसा

जिला जज ने चार वादों में पीड़ितों को प्रदान किया 17.50 लाख रुपये का मुआवजा चेक

औरंगाबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार मनोज कुमार तिवारी द्वारा मोटर दुर्घटना वाद संख्या 03/2019 में शहर के कर्मा रोड पुलिस केन्द्र अंतर्गत निवासी रामनाथ प्रसाद को 03 लाख 50 हजार का चेक प्रदान किया गया। जानकारी के मुताबिक दिनांक 28.06.2014 को स्कॉर्पियो गाड़ी जिसका नंबर बी.आर. 26 ई 0711 से धक्का लग जाने के कारण गम्भीर रूप से घायल हो गये थे जिनका ईलाज सदर अस्पताल में कराया गया तथा इन्हें बेहतर ईलाज के लिए पटना रेफर किया गया था। हाल में सम्पन्न राष्ट्रीय लोक अदालत में उक्त वाद को समझौते के आधार पर बीमा कंपनी से निस्तारण कराया गया था। दूसरी मुआवजा राशि मोटर दुर्घटना वाद संख्या 16/15 के  हसपुरा थाना अंतर्गत उच्छल गांव निवासी मृतक जर्नादन सिंह की पत्नी चम्पावती कुंवर को 5 लाख का चेक प्रदान किया गया। यह घटना दिनांक 24.01.15 की है। ग्राम ईटवा में ईट भट्टा के पास बस संख्या बी.आर. 26 बी. 2763 से घक्का लगने के कारण हो गयी थी। तीसरी मुआवजा राशी मोटर दुर्घटना वाद संख्या 14/21 के गया ज़िले के चाकंद थाना अंतर्गत सोदना गांव निवासी मृतक प्रेम कुमार के पिता महेन्द्र चौधरी को 4 लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया। उक्त घटना दिनांक 29.02.2020 को औरंगाबाद ज़िले के रफीगंज थाना अंतर्गत बहादुरपुर गांव में ट्रैक्टर संख्या बी.आर. 26 जीए 4049 से धक्का लगने के कारण प्रेम कुमार की मृत्यु हो गयी थी। इसी तरह जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने चौथी मुआवजा राशी मोटर दुर्घटना वाद संख्या 14/2014 में कासमा थाना अंतर्गत कुम्हौनी गांव निवासी मृतक बिगन भुईयां की पत्नी सरिता कुंवर को 5 लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया। बिगन भुईयां की मृत्यु 19.05.2013 को हसनपुर गांव के पोखरा पर ऑटो एवं ट्रैक्टर की टक्कर में धक्का लगने के कारण हो गयी थी।
चेक प्रदान करते हुए जिला जज द्वारा पीड़िता एवं पीड़ितो को बताया गया कि चेक से संबंधित राशि को परिवार के कल्याण में लगाये तथा भविष्य के लिए अधिक से अधिक पैसे को बैक में जमा करायें जिससे कि बच्चे के लालन-‘पालन और शिक्षा पर खर्च करने में तथा भविष्य में किसी प्रकार की कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर ने बताया कि आगामी 14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का पुनः आयोजन होना है और सम्बन्धित पक्ष से अपील किया कि वे ज्यादा से ज्यादा अपने वादों का निस्तारण करवायें और त्वरित लाभ प्राप्त करें। अपने वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादन हेतु किसी भी कार्य दिवस को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है राष्ट्रीय लोक अदालत वादों का निस्तारण सुलह के आधार पर कराने का एक सशक्त माध्यम है, जिसमें सम्बन्धित को त्वरित न्याय प्राप्त होता है, और उपरोक्त चारों चेक एक दिन में प्रदान किया गया इसका ज्वलंत उदाहरण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please remove ad blocer