– रामविनय सिंह –
मगध हेडलाइंस: गोह (औरंगाबाद) गोह प्रखंड के हमीदनगर बराज भूमि अधिग्रहण को लेकर गोह प्रखंड परिसर में मंगलवार को पुनपुन बराज किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।किसान महापंचायत की अध्यक्षता ब्यापार मंडल अध्यक्ष सुरेश प्रसाद यादव ने की जबकि संचालन माले नेता देवरुल पासवान ने की।
इस दौरान संबोधित करते हुए वसिष्ठ अतिथि सह अरवल बसपा जिलाध्यक्ष व रेलवे संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव ने कहा कि वर्षों से लंबित हमीदनगर पुनपुन बराज परियोजना में सरकार ने जिस तरह से बिना भूमि अधिग्रहण किए हुए नहर खुदवाने का कार्य करवा रही है। वह गलत है सभी किसानों को जमीन के बदले आज के मुताबिक मुआवजा देते हुए कार्य प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि तीसरा चरण के आंदोलन के बाद एक समय रखकर हमीदनगर से पैदल मार्च करते हुए राजभवन तक जाएंगे और किसानों की समस्या को रखेगे।
निवेदक श्याम सुंदर ने कहा कि जिस तरह से किसान को सरकार ठगने का कार्य कर रही है, वह गलत है।किसानों को जबतक आज के समय में चल रहे जमीन का मुआबजा नही मिलेगा तबतक हमलोग महापंचायत के माध्यम से आंदोलन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहली महापंचायत हमीदनगर में व दूसरे चरण का महापंचायत गोह में सफल रहा। तीसरे चरण का महापंचायत औरंगाबाद में आगामी 27 फरवरी को आयोजित किया जायेगा जिसमे सैकड़ो किसान मोजूद रहेगे।
वहीं प्रो. विजय चौबे ने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसान को उचित मुआबजा देते हुए नहर की खुदाई प्रारंभ करे ताकि किसानों को जल्दी सिचाई की सुविधा मिल सके। वहीं अध्यक्षता कर रहे श्री यादव ने कहा कि किसानों को उचित मुआवजा देते हुए सरकार नहर की खुदाई करावे नही तो आंदोलन जारी रहेगा। माले नेता रामायोध्या पांडेय ने कहा कि सरकार को चाहिए कि समय रहते किसान के भूमि को मुआबजे देते हुए कार्य प्रारंभ करें। वहीं किसान बीरेंद्र चौबे ने कहा कि जबतक किसानों को हक़ नही मिलेगा तबतक आंदोलन जारी रहेगा। अल्हा चौबे ने कहा कि जब भूमि के बदले किसान को उचित मुआबजा नही दिया गया था और किसान वीरमनी द्विवेदी के द्वारा नहर की खुदाई करने से मना किया गया था।तो पदाधिकारी ने उन्हें पुलिस के द्वारा हिरासत में लेकर किसानों को आँख खोल दी जिसके बाद किसानों का आंदोलन जारी हुआ।
दूसरा चरण महापंचायत में ये रहे मौजूद :
दूसरा चरण के महापंचायत में मनोज सिंह यादव विजय चौबे, बीरेंद्र चौबे, अल्हा चौबे,रामायोध्या पांडेय चौबे, महेश्वर यादव बैजनाथ से रामानुज पासवान सुरेश प्रसाद सत्येंद्र शर्मा सतीश प्रसाद शंकरराव अशोक सिंह ईश्वर दयाल यादव रविंद्र यादव इंद्रजीत यादव मोहम्मद सुलेमान बाल कुंअर पासवान, ऊदल यादव दुलारचंद यादवरणधीर पासवान सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।