औरंगाबाद। सुलहनीय मुकदमों के त्वरित निबटारे के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत सबसे सुलभ द्वार है। कोई भ्रम में ना रहें, हमलोग आज पंच की भूमिका का हैं। हमारी प्रयास हैं कि अधिक से अधिक वादों का निस्तारण हो। यह उक्त बातें शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने कही। आगे श्री तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलहनामे से निबटे मामलों के पक्षकारों के बीच दुबारा विवाद होने की संभावना भी काफी कम रहती है और साथ ही जो अनावश्यक खर्च होता हैं। इससे लोगों को छुटकारा मिलता हैं। ताकि वे अपना विकास का कार्य कर सकें। छोटे मुकदमों में समय देना निर्थक हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना एक महान पर्व है। विवादों को समझौता कर समाप्त करने से अंतरआत्मा को शांति मिलती है। समाज के सभी वर्ग के लोगों का यह दायित्व होता है कि वे उत्पन्न विवादों को समझौता के आधार पर निपटाने में सहयोग करें। अपर ज़िला सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि इस अदालत की सफलता के कारण विवादों की संख्या घट रही है। लोक अदालत के प्रचार-प्रसार व जागरूकता कार्यक्रम के संचालन के लिये जिला प्रशासन कटिबद्ध है। इसके बाद इस अवसर पर ज़िला स्वास्थ्य समिति द्वारा वरिष्ठ नागरिकों और आम लोगों के लिए आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का भी ज़िला जज ने विधिवत उद्घाटन किया। इस शिविर में मुख्य रूप से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हिमोग्लोबिन, एचआईवी टेस्ट, ब्लड ग्रुपिंग इत्यादि की जांच की गई। इस दौरान जिला जज ने भी ब्लड ग्रुप एवं ब्लड प्रेशर की जांच कराई।
इस अवसर पर एडीजे सुनील दत्त पाण्डेय, एडीजे ब्रजेश पाठक, एडीजे दिनेश कुमार प्रधान, सब जज राहुल किशोर, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी, जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।