एक अभियुक्त को जुबेनाइल सत्यापन के लिए जस्टिस बोर्ड रेकड़ भेजा गया
एक महिला अभियुक्त को 13 अप्रैल को सुनाई जाएंगी सज़ा
औरंगाबाद। हत्या प्रयास के अभियुक्तों को व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद एडिजे 11 वें आनंदिता सिंह ने बारूण थाना कांड संख्या 294/09 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए आज पांच अभियुक्त को सज़ा सुनाई हैं। आपको बता दे कि अभियुक्त सिलोंजा गांव निवासी सिंकदर ओझा, मुकेश ओझा, ब्रजेश ओझा, विंदा देवी, सुखदेव ओझा, आशुतोष ओझा एवं मित्राज निवासी रामजतन पांडे को दिनांक 05.04.22 को दोषी करार देते हुये बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिये गये थे। जबकि इन सभी में ब्रजेश ओझा को जुबेनाइल होने का आवेदन किया गया हैं जिसमें अभियुक्त को आज सज़ा नहीं सुनाई गई तथा विंदा देवी को स्वास्थ्य कारणों से हिरासत से नहीं आने के कारण सज़ा नहीं सुनाई गई हैं। जबकि पांच अभियुक्त को धारा 307 एवं 149 में पांच साल की सजा व 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। वहीं जुर्माना ना देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास तथा धारा 147 में एक साल की सजा निर्धारित की गई हैं। दोनों सज़ाये साथ-साथ चलेंगी।
इस वाद के सूचक अधिवक्ता शिवशंकर ओझा ने इन सभी अभियुक्तों को दिनांक 10.12.09 को बारूण थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें अभियुक्त बने अपने पाटीदार पर जमीनी विवाद में जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया था।अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्तों पर आरोप पत्र दिनांक 31.08.10 को आया था। जबकि आरोप गठन दिनांक 08.09/ .11 को हुआ था। सरकार की ओर से एपीपी ओमप्रकाश शर्मा अधिवक्ता हैं। वहीं बचाव पक्ष की ओर से परशुराम सिंह एवं अवध किशोर पांडे अधिवक्ता है। उल्लेखनीय है कि अभियुक्त के साथ उनके तीन बच्चें को दोषी ठहराते ही 65 वर्षिय विंदा देवी दिनांक 05.04.22 को बेहोश हो गई थी जिसके कारण न्यायालय में काफ़ी भीड़ जमा हो गई थीं जिसमें जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने कोर्ट के इजलास महिला अभियुक्त का हालचाल जानने के बाद समुचित इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया था। आज महिला अभियुक्त नहीं आ सकी जिसके कारण उसे सज़ा नहीं सुनाया गया। उसके स्वस्थ होने पर हिरासत से आने पर सज़ा सुनाई जाएंगी।
महिला अभियुक्त विंदा देवी के सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि दिनांक 13.04.22 निर्धारित किया गया है तथा अभियुक्त ब्रजेश ओझा का जुबेनाइल सत्यापन के लिए जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड रेकड़ भेजा जा रहा हैं।