औरंगाबाद। पुलिस के हत्थे चढ़ा भाकपा माओवादी संगठन का जोनल कमांडर, इसके विरुद्ध कुल 18 मामले दर्ज हैं। यह पिछले कई सालों से फरार चल रहा था। इसकी गिरफ्तारी ज़िला पुलिस एवं सशस्त्र सीमा बल के लिए बड़ी कामयाबी बताई जा रही है जिसको लेकर पुलिस काफ़ी दिनों से छानबीन कर रही थी और इसके निश्चित ठिकानों पर छापेमारी भी कर रही थी। लेकिन आखिरकार यह धर दबोचा गया

जिसकी पहचान ढिबरा थाना अंतर्गत छुछिया गांव निवासी प्रेमचंद शाह के पुत्र उर्फ कैलाश जी उर्फ़ उर्फ़ भूपेन्द्र के रूप में की गई है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार एवं 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल गया के समादेष्टा हरे कृष्ण गुप्ता के संयुक्त निर्देशन में भलुआही कैंप के सहायक समादेष्टा रवि कुमार के नेतृत्व में ढिबरा थानाध्यक्ष एवं देव थानाध्यक्ष के द्वारा की गई जिसमें यह कुख्यात नक्सली पकड़ा गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुख्यात नक्सली की गिरफ्तारी को लेकर काफी लंबे समय से छानबीन की जा रही है जिसके आलोक में गुरूवार को छापेमारी के दौरान यह ढिबरा थाना अंतर्गत वन विशुनपुर नहर से गिरफ्तार किया गया। पूछ ताछ के क्रम में उसने बताया कि वह वर्ष 2009 से नक्सली संगठन में सक्रिय है और वर्ष 2015 से नक्सली संगठन के कौलेश्वरी जोन का जोनल कमांडर के रूप में नेतृत्व करता रहा है।

इसका औरंगाबाद ज़िले के मदनपुर, अंबा, ढिबरा एवं देव थाना के अलावा गया ज़िला एवं झारखण्ड राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में काफ़ी प्रभाव रहा है। यह ईनामी और चर्चित नक्सली विनय यादव के साथ संगठन को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाता है।
आपराधिक इतिहास : पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इसका आपराधिक इतिहास रहा हैं। इसके विरूद्ध ज़िले की कई थानों में अपराधिक मुकदमा दर्ज़ हैं जिसमें मदनपुर थाना में 05, देव थाना- 02, ढिबरा थाना 06, अंबा – 01 कुल 14 काण्ड एवं गया जिला के बांके बाजार एवं आमस थाना में 04 कुल-18 नक्सली कांडो का अभियुक्त है। वर्ष 2016 में ढिबरा थाना अंतर्गत हरिला नाला के पास सुनियोजित तरीके से अभियान से लौट रहे सुरक्षा बलो पर आई.डी. ब्लास्ट करने के बाद फायरिंग करते हुए सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 04 नक्सली की मृत्यु हुई थी एवं कई अत्याधुनिक शस्त्र एवं विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था। इस संदर्भ में बाकेबाजार थाना में नक्सली के विरुद्ध कांड दर्ज किया गया था। इसके अतिरिक्त अन्य सीमावर्ती थाना से इसका आपराधिक इतिहास पता लगाया जा रहा है। इस कार्रवाई से नक्सलियों का मनोबल काफी गिरा है। नक्सली गतिविधि पर अंकुश लगाये जाने को लेकर आगे भी लगातार छापामारी अभियान जारी है।