मगध हेडलाइंस: ज़िला मुख्यालय (औरंगाबाद) देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश की गई बजट को सत्ता पक्ष ने सराहना की हैं, वही विपक्ष ने बिहार की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता व आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष उदय उज्जवल ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट अब तक के सबसे खराब बजट रहा है। इससे ना तो बेरोजगारी एवं रोज़गार की चर्चा हैं। इस बजट में बिहार के लोगों की अपेक्षाओं पर कोई ख्याल नहीं रखा गया। वहीं इस बजट में किसानों को ठगने का काम किया गया हैं, एमएसपी की बातों को बजट में जिक्र तक नहीं की गई, आधी आबादी की बात करने वाले प्रधानमंत्री महिलाओं को बजट के हिस्से से आउट किया हैं।
चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा किए गए घोषणापत्र का कोई भी एजेंडा को बजट में तरजीह नहीं दिया गया। बिहार के लोगों को बजट से काफी उम्मीद थी, विशेष राज्य का दर्जा न देकर बिहार वासियों को उपेक्षित किया है। इनकम टैक्स में किसी भी प्रकार का कोई रिवेट नहीं देना आम लोगों को समझ से परे है। औरंगाबाद वासियों ने भी इस बजट को सरसरी निगाहों से देख रहे थे। मगर मानिकपुर रेलखंड को ठंडे बस्ते में डालने से निराशा ही हाथ लगी है। बजट में किसानों की फसल की सिंचाई पर विचार नहीं करना भी किसानों को बेचैन किया है।
राजद नेता ने यह भी कहा यह कहा कि बजट चार पर्सेंट लोगों को ख्याल कर कर पेश की गई है, बाकी के लोगों पर जबरन थोपने जैसी है कारपोरेशन टैक्स को 12% से घटाकर 7% किया गया है ताकि चार पर्सेंट लोगों को ही मात्र फायदा पहुंच सके और डिजिटल लेनदेन पर भी लगाया गया। टैक्स से मध्यम वर्गीय परिवार को परेशानी बढ़ाने जैसा है टैक्स स्लैब में पांच लाख तक की आमदनी वालों को भी टैक्स में छूट देनी चाहिए थी मगर ऐसा नहीं हुआ हालांकि जनता तो अब भाजपा सरकार की सरकारी घोषणाओं पर विश्वास भी नहीं करती मगर जनता के भावनाओं के साथ बार-बार खिलवाड़ कर रही केंद्र की सरकार से देशवासी त्रस्त है।