औरंगाबाद। सदर प्रखंड स्थित औरंगाबाद के अधिवक्ता संघ भवन के प्रांगण में जनेश्वर विकास केंद् एवं जन विकास परिषद की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि एवं लेखक डॉ सुरेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने किया। बैठक में रमेश चौक अवस्थित राजा नारायण सिंह के पार्क में चोरी चुपके और रात के अंधेरे मे राजा नारायण सिंह की प्रतिमा स्थापित करने पर चर्चा की गई। सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि राजा साहब जगदीशपुर नरेश कुंवर सिंह से भी एक दशक पूर्व अंग्रेजों के प्रथम शत्रु थे। वे करीब 3000 अंग्रेज सैनिकों को सोन नदी मे डुबो कर मार दिया था लेकिन इतने बड़े स्वतंत्रता सेनानी के इतिहास से औरंगाबाद ज़िले के लोग अनजान थे। उक्त संस्था द्वारा 1992 से ही उनके इतिहास को उजागर करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम करते आ रही है। साथ ही उनकी कद काठी के अनुरूप प्रतिमा लगाने हेतु प्रयास रत थे। प्रयास सफल रहा और विश्व साक्षरता दिवस के शुभ अवसर पर प्रतिमा स्थापित करने की बात तय की गयी तथा लगातार प्रचार प्रसार किया जा रहा था। तत्पश्चात, अनावरण हेतु राज्यपाल और जन प्रतिनिधियों से सम्पर्क साधा जा रहा था। इसी बिच जानकारी मिली कि 31.8.21 की रात्रि मे चुपके चोरी राजा साहब को अपमानित करने के उद्धेश्य से उनके कद काठी के विपरीत अत्यंत ही छोटा प्रतिमा पार्क के एक कोने मे लगा दिया गया जो उनके कुत्सित बिचार धारा को दर्शाता है। इस पर बैठक मे गंभीर मंथन किया गया और राजा साहब की प्रतिमा लगाने की तौर तरिका को राजा साहब को अपमान करने जैसा बताया गया और आयोजकों के विरुद्ध सर्वसम्मति से निन्दा प्रस्ताव पारित किया गया। दूसरे प्रस्ताव मे राजा साहब की भब्य और आकर्षक प्रतिमा को राजा नारायण सिंह पार्क मे रखने का निर्णय लिया गया और आम जन से राय मशवरा कर उनकी भावना के अनुरूप प्रतिमा लगाने का भी निर्णय लिया गया। विश्व साक्षरता दिवस 8 सितंबरएवं हिंदी दिवस 14 सितंबर को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सदस्यों ने प्रस्ताव पारित किया कि इस बार प्रशासन एवं जनता मिलकर इस कार्यक्रम को धूमधाम से मनाए। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन से मिलकर कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने की बात कही गई जिस प्रकार उर्दू दिवस प्रशासन के देख रेख में मनाया जाता है। उसी, प्रकार विश्व साक्षरता दिवस एवं हिंदी दिवस भी प्रशासन एवं संस्था द्वारा मनाया जाए। आज के बैठक में सरपंच संघ के प्रदेश महासचिव रविंद्र कुमार सिंह, महाराणा प्रताप सेवा संस्थान के पूर्व सचिव अनिल कुमार सिंह, प्रसिद्ध ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह, कवि राम किशोर सिंह, रामचंद्र सिंह, शिक्षक संघ के प्रमंडलीय अध्यक्ष रामभजन सिंह, पत्रकार प्रेमेंद्र मिश्रा, मूर्ति प्रदाता मनोज कुमार सिंह, प्रोफेसर संजीव रंजन, पूर्व पंचायत समिति रायपुरा निवासी राजेंद्र सिंह, धनंजय सिंह, समाजसेवी रामजी सिंह, शिक्षक उज्जवल रंजन, मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी सहित अन्य उपस्थित थे।