कुटुंबा (औरंगाबाद) प्रखंड क्षेत्र के किसान सूखे की मार से त्राहिमाम कर रहे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में एक तरफ जहां सरकार मात्र 3500 रूपये किसानों को देने के नाम पर खुद की ताजपोसी कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर इधर सूखा राहत कोष में बंदरबांट कर प्रखंड स्तरीय अधिकारीयों द्वारा किसानों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया जा रहा हैं।
प्रतिदिन कई किसान शिकायत लेकर प्रखंड कार्यालय पहुंच रहे हैं परंतु अधिकारियों की उपेक्षा के कारण उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कई किसानों का आरोप हैं कि रिश्वत लेकर भूमिहीन एवं एक ही संयुक्त परिवार के लोगों को सुखाड़ राहत कोष का पैसा दिया गया है। जो मुंहमांगी रिश्वत राशि नहीं देते हैं उनको सुखाड़ राहत कोष के लाभ से वंचित रखा जा रहा है।
वहीं सुखा राशि वितरण में की जा रही अनियमितता पर सीओ अभय कुमार से सवाल पूछे जाने पर अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। जबकि हाल ही में प्रखंड कार्यालय का निरीक्षण करने आए जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने कहा कि आपदा विभाग के मालिक सीओ होते हैं। कृषि विभाग के पदाधिकारी इस मामले से अलग है। सुखाड़ राहत कोष के वितरण के नोडल पदाधिकारी सीओ हैं।
वे इस मामले की जानकारी देंगे। उन्होंने सीओ अभय कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान सलाहकार के पासवर्ड एवं आईडी को दूसरे किसान सलाहकार एवं बिचौलिए के द्वारा मनमानी तरीकों से सुखाड़ राहत कोष के राशि वितरण में उपयोग किया जा रहा है जिसकी लिखित शिकायत सीओ को दिया है किंतु अभी तक इस संबंध में किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई। आरोपों के प्रति सीओ की चुप्पी साधना कहीं ना कहीं किसी तरह से इनकी संलिप्तता को प्रलक्षित करता है।
(मिथिलेश कुमार की रिपोर्ट)