मातृ भाषा की महत्ता को समझने का हैं समय: संस्कृति और उसके संस्कारों को जानने के लिए उसकी भाषा को जानना हैं जरूरी : डॉ अमित
मगध हेडलाइंस: सासाराम(रोहतास) गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग व शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दक्षिण बिहार के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सोमवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी शीर्षक”भारतीय संस्कृति उत्थान में मातृभाषा की उपयोगिता” विषय पर बोलते हुए मुख्य वक्ता एस. पी. जैन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. गुरचरण सिंह ने कहा कि किसी भी देश की संस्कृति की जड़ उसकी मातृभाषा होती है, क्योंकि अपनी भाषा में व्यक्त की गई भावना की अभिव्यक्ति का प्रभाव अमिट होता है। आज कई ऐसे देश हैं, जहां भारतीय संस्कृति एवं परंपरा का निर्वाह अपनी मातृ भाषा में किया जाता हैं। वहीं कई ऐसे भी देश हैं जिनका जन्म वहां के मातृभाषा के आधार पर हुआ हैं। उन्होने भारतेंदु हरिश्चंद्र जी को याद करते हुए कहा कि भारतेन्दु जी ने लिखा है कि” निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल बिन निज भाषा ज्ञान के मिटे न हिय को सूल”।
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अमित मिश्रा ने कहा कि यदि मातृभाषा को प्राथमिकता दी जाए तो समाज में कई शैक्षणिक व सामाजिक शोध के कार्य आसानी से संभव हो सकता हैं। क्योंकि मातृ भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। जो बड़ी सरलता से भावनाओं को प्रदर्शित करता है। समाज में किसी विचार या भाव को जगाने के लिए मातृभाषा सर्वाधिक प्रेरक माध्यम है। मुझे मेरी भाषा पर गर्व होना चाहिए। भाषा छोटी नहीं होती। मनुष्य सामाजिक प्राणी है और भाषा एक सामाजिक क्रिया है। मेरी भाषा मेरे समाज को अच्छी तरह परिभाषित करती है और मेरा समाज मेरी भाषा में अपने विकास की राह पाता है। यह सामाजिक व्यवहार का आधारभूत सच है। मातृभाषा जन-भाषा है। वहीं मातृ भाषा की महत्ता को समझने का समय है। संस्कृति और उसके संस्कारों को जानने के लिए उसकी भाषा को भी जानना जरूरी हैं।
साथ ही यह विश्वविद्यालय ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय संस्कृति उत्थान का कार्य निरंतर करता हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजन हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम एल वर्मा, देव मंगल ट्रस्ट के सचिव गोविन्द नारायण सिंह, नारायण चिकित्सा संस्थान के प्रबंधक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने विभाग को शुभकामनाएं प्रेषित किया है। कार्यक्रम में विभाग के सभी अध्यापक जैसे डॉ अमित सिंह, फहमींना हुसैन, चंचल सिंह सहित सभी छात्र उपस्थित रहें। वहीं विभाग के सीनियर छात्रों ने जैसें- स्पूर्ती, नीरज, रमीज, सौरभ ने कार्यक्रम में तकनीकी सहायता प्रदान किया किया।