
औरंगाबाद। जिलें के कई थानों में विभिन्न मामलों में पुलिस द्वारा जब्त किए गए वाहनों को थाना परिसर में खड़े-खड़े जंग खा रहा है। जब्त किए गए वाहनों की भरमार से थाना कबाड़खाना में तब्दील हो गया है। थाना परिसर में दो चक्के एवं चार चक्के वाहन जमा हैं। कई साल से जब्त वाहन खुले में रहने से तेज धूप एवं बारिश के कारण सड़ चुके हैं। कुछ वाहन जंगली घास से ढके हुए हैं। इनमें कुछ चोरी, तो कुछ दुर्घटना में जब्त किए गए वाहन हैं। कुछ वाहन शराब तस्करी में पकड़े गए हैं। अधिकतर गाड़ियां पानी व धूप के कारण सड़ चुकी हैं। सिर्फ लोहे का ढांचा दिखता है। समय पर नीलामी नहीं होने से लाखों की गाड़ियां कबाड़ होकर किसी काम के लायक नहीं रह गई हैं। इससे बिहार सरकार के राजस्व को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। हालांकि आज नीलामी की बोली लगानी हैं। अब ऐसे में देखना होगा की कितनी गाड़ियां बिकती है।