
वैश्विक ध्रुवीकरण के दौर में हिंदी भाषा की प्रासंगिकता
औरंगाबाद। सदर प्रखंड स्थित औरंगाबाद के अधिवक्ता संघ भवन के प्रांगण में जनेश्वर विकास केंद्र की आनुषंगिक इकाई साहित्य संवाद द्वारा विश्व हिंदी दिवस की 16 वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य संवाद के अध्यक्ष प्रसिद्ध ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह ने किया। जबकि संचालन साहित्य संवाद के सचिव सुरेश विद्यार्थी ने किया। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। ‘वैश्विक ध्रुवीकरण के दौर में हिंदी भाषा की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी का विषय प्रवेश डा0 संजीव रंजन ने किया। संबोधन के क्रम में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में हिंदी भाषा का वैश्वीकरण हो गया है। इस भाषा ने भारत के राष्ट्रीय सीमा को लांघकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है। इस भाषा में रोजगार की कोई कमी नहीं है। विदेशों में भी इसके सीखने वालों की कोई कमी नहीं है। विचार गोष्ठी के अवसर पर उपस्थित लोगों ने एक प्रस्ताव पारित किया कि भारत में सभी तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई हिंदी भाषा में हो। कार्यक्रम के मौके पर संस्था के केंद्रीय सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी साहित्य संवाद के संयोजक अनिल कुमार सिंह, प्रसिद्ध अधिवक्ता कमलेश कुमार सिंह, डॉक्टर संजीव रंजन, प्रोफेसर तौकीर अशरफ, उज्जवल रंजन, लालदेव प्रसाद, समाजसेवी सुरेंद्र कुमार सिंह, लेखक जयप्रकाश कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।