
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। हसपुरा पुलिस और एसटीएफ टीम की संयुक्त कार्रवाई में भाकपा माओवादी संगठन के चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर कई अपराधिक मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इसमें दो जोनल कमांडर हैं जिन पर एक-एक लाख रूपये का इनाम था। पकड़ें गए इनामी नक्सलियों में बंदेया थाना क्षेत्र अंतर्गत मलहद गांव निवासी 50 वर्षीय विनय रविदास उर्फ नटबोल्ट उर्फ सुधाकर उर्फ पुरुषोत्तम रविदास उर्फ रंजन रविदास एवं गोह थाना क्षेत्र के काजी बिगहा निवासी 50 वर्षीय सुभाष यादव उर्फ गौरव है। ये दोनों जोनल कमांडर थे। वहीं दो अन्य नक्सलियों में दाउदनगर थाना क्षेत्र के अरही गांव निवासी 46 वर्षीय सतेंद्र रविदास उर्फ विधायक जी एवं हसपुरा थाना क्षेत्र के बघोई टोला निवासी 66 वर्षीय सत्येन्द्र सिंह के रूप में की गई है। इनके पास से तीन देसी कट्टा, आठ जिंदा कारतूस एवं दो मोबाइल फोन बरामद किया गया है। दरअसल हसपुरा थानाध्यक्ष नवरत्न चंद्र को एसटीएफ टीम के द्वारा सूचना मिली कि किसी नक्सली घटना को अंजाम देने के लिए अवैध हथियार और कारतूस के साथ कुछ नक्सली बघोई टोला सत्यदेव नगर में सत्येन्द्र सिंह के घर पर रुके हुए हैं जिसके आलोक में हसपुरा पुलिस और एसटीएफ टीम के द्वारा संयुक्त कार्रवाई में एक झोपडीनुमा दलान को घेराबंदी करते हुए चारों कुख्यात नक्सलियों को पकड़ा गया। पूछ-ताछ के दौरान नक्सलियों ने अपना अपराध स्वीकार किया है और स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि वे भाकपा माओवादी संगठन से काफी दिनों से जुड़े हुए हैं , वे लेवी वसूलने का काम करते हैं। इस बात की जानकारी सत्येन्द्र सिंह को भी है उन लोगों के निशानदेही पर सत्येन्द्र सिंह के घर से तीन आग्नेयास्त्र और आठ कारतूस बरामद किया गया। अयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तीन कुख्यात नक्सलियों और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया जिसके घर पर ये तीनों रूके हुए थे। इसमें नक्सली सुभाष यादव के खिलाफ़ औरंगाबाद ज़िले के रफीगंज, गोह, खुदवा एवं पौथू थाना में कई कांड दर्ज़ हैं, जिसमें इसकी तलाश की जा रही थी। वहीं इसके अलावा नक्सली विनय रविदास का भी अपराधिक इतिहास रहा है। इसके विरूद्ध गया ज़िले के आंती थाना में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह औरंगाबाद पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस कार्रवाई से नक्सलियों का मनोबल गिरा हैं। नक्सलियों के विरुद्ध यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगा।







