मगध हेडलाइंस

सरकारी बैंकों को बेचकर पूंजीवाद को बढ़ावा देने पर अमादा है मोदी सरकार 

बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल से चार सौ करोड का लेन-देन ठप

औरंगाबाद। सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में दूसरे दिन भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल जारी रही। इसी सिलसिले में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले पंजाब नेशनल बैंक मण्डल कार्यालय औरंगाबाद के समीप निजीकरण के खिलाफ अधिकारियों व कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान बैंक के सारा कामकाज ठप रहा। वहीं उपभोक्ताओं को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बैंक कर्मचारी निजीकरण के विरोध में सरकार की तानाशाही नीतियों की आलोचना की। इस दौरान ऑल इंडिया पंजाब नेशनल बैंक कर्मचारी संघ औरंगाबाद मंडल के सचिव रवि कुमार ने कहा कि इस दो दिवसीय बैंक हड़ताल कर्मचारियों की सुख सुविधा में बढ़ोत्तरी की बजाए आम जनता, गरीब, किसान, मजदूर, व्यापारी वर्ग के बैंकों में जमा धन को सुरक्षित व बचाने के लिए किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र में बैंकों का निजीकरण किसी भी दशा में देश हित में नहीं है। वहीं मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बेचकर केवल पूंजीवाद को बढ़ावा देने पर अमादा है। यह किसी भी दशा में देश हित में नहीं है। यदि ऐसा किया गया तो बैंक कर्मचारी देश हित में आर-पार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे। इस प्रदर्शन में अलग-अलग बैंक के सैकड़ों अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। पंजाब नेशनल बैंक, कर्मचारी संघ के सचिव राजकुमार, अभिषेक चन्द्र सिंह, केनरा बैंक के प्रबंधक प्रिंस कुमार, सेंट्रल बैंक के मुख्य प्रबंधक सुधीर कुमार, अविनाश कुमार, मनोज कुमार, जे पी सिंह, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रजनीश कुमार, अर्चना पूजा, शिखा कुमारी, मनोज कुमार, प्रेम कुमार चौधरी, राजीव सिंह, पंकज झा, अमित कुमार सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।

 

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