मगध हेडलाइंस

शीर्ष माओवादी नेता संदीप यादव उर्फ विजय यादव उर्फ रूपेश जी की अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

पुत्र ने दी मुखाग्नि, पैरोल पर भाई आये मिलने, पुलिस ने की शीर्ष माओवादी नेता के परिजनों से दुर्व्यवहार

      – डी के यादव

बाराचट्टी/गया। बुधवार की शाम करीब 8 बजें अज्ञात लोगों द्वारा एक शव को बांकेबाजार प्रखंड अंतर्गत ग्राम लुटुआ टोला बाबू रामडीह के एक बरगद की विशाल पेड़ के नीचे निर्मित चबूतरा पर रख कर लोग वापस चले गये। शव को देख पास में खूंटे से बंधी एक गाय चौकने लगीं जिसें स्थानीय रामदेव यादव गाय के पास देखने पहुंचे तो उन्होंने एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ देखा जिसकी जानकारी उन्होंने सबसे पहले अपनी पत्नी को दी और जब चादर से ढके शव को हटाकर देखा तो वह शव किसी और का नहीं बल्कि उनके पुत्र शीर्ष माओवादी नेता संदीप यादव उर्फ विजय यादव उर्फ रूपेश जी का था। शव को देखकर चीख-पुकार मच गई। इस घटना की सूचना जंगल में लगी आग की तरह पूरे भारत वर्ष में फैल गई। रात्रि करीब 10 बजें स्थानीय पुलिस भी मौके पर काफी संख्या में पहुंच गई और आने वाले शुभचिंतकों की वाहनों को लुटुआ कैंप के समीप ही रखने का निर्देश दिया। वहां से करीब एक किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर लोग शव के पास पहुंचने लगे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाने को कही तो संदीप यादव के परिजनों ने शव को वीडियो रिकॉर्डिंग करने की मांग की। ऐसे पुलिस के साथ नोक झोंक भी हुई जिसमें संदीप यादव के पुत्र सोनू को वीडियो रिकॉर्ड करने पर पुलिस ने थप्पड़ जड़ कर दुर्व्यवहार किया। ऐसा आरोप परिजनों ने लगाया है। जो यह घटना काफी निंदनीय है।

 

रात्रि करीब एक बजे पोस्टमार्टम कराने को लेकर शव को गया जिले के मगध मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां सुबह के 10 बजें के बाद पोस्टमार्टम कराया गया और करीब काफ़ी सोच-विचार करने के बाद शव को गुरुवार की दोपहर उनके पैतृक आवास बाबू रामडीह स्थित एंबुलेंस के द्वारा पुलिस सुरक्षा में लाया गया। शव को गांव पहुंचते ही हज़ारों महिलाएं और पुरुष उनकी शव को अंतिम दर्शन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ी। इसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण कर शोक व्यक्त किया तथा ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया। वहीं, जगदीश यादव उर्फ मास्टर साहब के द्वारा संदीप यादव के वीरता भरी कारनामे को बताया गया और संकल्प लेने को कहा गया। शव पर लाल कपड़े रखे गए थे और शहीद संदीप अमर रहे, इंकलाब जिंदाबाद, शहीद कॉमरेड को लाल सलाम आदि की नारे लगाकर लोगों ने सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान गया जेल में बंद मृत्तक के भाई संजय यादव उर्फ भुटाली को भाई के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल पर आने की इंतजार लोग कर रहे थे। संध्या करीब 5 बजे शव यात्रा गांव से नदी घाट तक दाह संस्कार के लिए निकाला गया। इस बीच गौरतलब है कि तब तक कोई स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद नहीं थी। शव को चिता पर सजाने की तैयारी चल रही थी तभी पुलिस बल आ पहुंची और घाट पर उपस्थित लोगों की वीडियो रिकॉर्डिंग पुलिस के द्वारा किया जा रहा था। इस बीच एक ग्रामीण को लाल सलाम बोलने पर पुलिस अधिकारी उपस्थित लोगों को गाली गलौज किया गया। हालांकि पुलिस की इस क्रूरता को लोगों ने दबी जुबान में सहन किया। इधर ग्रामीणों की माने तो शीर्ष नक्सली नेता को शुगर और हार्ट की बीमारी थी जिसका वे जंगल में ही ईलाज करवा रहे थे। इस बीच अब तक मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन दवा का रिएक्शन होने की बात बताई जा रही है।

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