औरंगाबाद। न्यायालय की अवमानना मानते हुए किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने नगर थानाध्यक्ष एवं दो वाद के अनुसंधानकर्ता को वेतन रोकने का आदेश दिया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि नगर थाना कांड संख्या 32/21 एवं 389/20 में कांड दैनिकी एवं आरोप पत्र अब तक परिषद को प्रस्तुत नहीं किया गया है जिसमें यह निर्णय लिया गया है। इन पुलिस अधिकारियों की वेतन को रोका जाए।
मामले में कांड दैनिकी एवं आरोप पत्र प्रस्तुत न करने से वाद की सुनवाई लंबित है। अंत: परिषद के प्रधान दंडाधिकारी ने दोनों वादों के अनुसंधानकर्ता एवं थानाध्यक्ष का वेतन रोकने का आदेश निर्गत किया है जिसकी एक-एक कोपी अनुसंधानकर्ता, थानाध्यक्ष, आरक्षी अधीक्षक औरंगाबाद एवं कोषागार पदाधिकारी औरंगाबाद को भेजा जा रहा है।
चिकित्सा पदाधिकारी को गवाही का आदेश : कुटुंबा थाना कांड संख्या 101/13 में भी सुनवाई करते हुए प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने चिकित्सा पदाधिकारी सदर अस्पताल औरंगाबाद को गवाही देने को आदेश दिया है। सभी वादों की सुनवाई की अगली तिथि 17.12.22 निर्धारित किया गया है।