डॉ ओमप्रकाश कुमार
दाउदनगर (औरंगाबाद) दाउदनगर- पटना मुख्य पथ के केरा स्थित भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कॉलेज उर्मिला विहार में सत्र 2021 -23 के बीएड एवं डीएलएड के विद्यार्थियों का अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज परिसर में किया गया, जिसका उद्घाटन दाउदनगर एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह एवं अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के डीन डॉ अजय कुमार सिंह, कॉलेज के सचिव डॉ प्रकाश चंद्रा एवं प्राचार्य डॉ अमित कुमार भी मौजूद रहे। अपने संबोधन में दाउदनगर एसडीओ ने कहा कि बिना शिक्षक के कोई आगे नहीं बढ़ सकता। शिक्षक बनने के बाद अपने पद की मर्यादा के अनुकूल कार्य करें। मन में यह भाव रखें कि मुझे सबसे बेहतर शिक्षक बनना है। मनुष्य अपने पद से जुड़ा सम्मान अपने कार्य से अर्जित करता है। शिक्षक वह शिल्पकार हैं जो मूर्ति को गढ़ते हैं। शिक्षक का मतलब अनुशासित होना ,सुसंस्कृत होना, नैतिकता से परिपूर्ण होना, सबसे बेहतर इंसान बनना है। आप विद्यार्थियों का आइकॉन बनें। सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ायें। नकारात्मकता से बचें। दाउदनगर के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि शिक्षक की अनुभूति होना बहुत बड़ी चीज होती है जिसे आसानी से बयां नहीं किया जा सकता। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के डीन एवं भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि हमेशा सीखने की भावना रखें और कौशल का विकास होना चाहिये। लक्ष्य का निर्धारण करें और लक्ष्य की प्राप्ति के लियज प्रयासरत रहें। शिक्षक को अपने विषय वस्तु को व्यवहारप्रद बनाना चाहिये। कॉलेज के सचिव डॉ प्रकाश चंद्रा ने कहा कि शिक्षक का पद प्राप्त होने पर रोजगार के साथ-साथ सम्मान प्राप्त होता है। नये सत्र के विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि ग्रुप डिस्कशन करें। पुस्तकालय में जरूर बैठे। सरकारी विद्यालयों कुछ संवारने की जवाबदेही शिक्षकों पर है। शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज सफलतापूर्वक 10 वर्ष पूरा करने जा रही है। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता पंकज कुमार ने किया।