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न्यायिक मजिस्ट्रेट ने केश अनुसंधानकर्ता एवं थानाध्यक्ष को साक्ष्य प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का दिया निर्देश 

औरंगाबाद। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने परिवाद संख्या 21/21 व देव थाना कांड संख्या 107/18 में सुनवाई करते हुए थानाध्यक्ष से 10.12.21 तक मामले के अनुसंधान पर एक्शन टेकन रिपोर्ट न्यायालय में उपस्थित होकर देने का आदेश दिया हैं। जानकारी देते हुए अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस आदेश की एक-एक प्रति थानाध्यक्ष एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया है। श्री स्नेही ने बताया कि यह मामला महाराणा प्रताप महाविद्यालय बेलसारा देव का हैं जहां 60 लाख रूपये फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर गलत वितरण कर अनुदान राशि गबन तथा कार्यवाही पुस्तिका गायब करने के आरोप से संबंधित हैं जिसमें सूचक व परिवादी अरूण कुमार सिंह ने सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह सहित अन्य लोग को अभियुक्त बनाया हैं। पुलिस ने साक्ष्य की कमी दर्शा कर अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में समर्पित किया था। साक्ष्य मिलने पर पुलिस अधीक्षक ने पुनः अनुसंधान प्रारंभ करते हुये। क्षांपक 1754/ 22.04.20 से प्रतिवेदन 4 निर्गत कर अग्रतर अनुसंधान हेतु कतिपय निर्देश थानाध्यक्ष एवं अनुसंधानकर्ता को दिया। लेकिन न्यायालय में कोई भी प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किये जाने पर 06.03.21 को थानाध्यक्ष को शौकोज किया गया था जिसका जवाब 19.09.21 को न्यायालय में आयी। वहीं पुनः शुरू अनुसंधान में प्रतिवेदन आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है जिसके कारण प्राथमिकी एवं परिवाद दोनों की प्रक्रिया लंबित हैं। इस कारण आज इस रिपोर्ट की शीघ्रता से न्यायालय द्वारा मांग की गयी है।

 

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