औरंगाबाद। किसानों के आगे झुकी मोदी सरकार। तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला। पिछले एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे थे। इस मामले में जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) प्रदेश महासचिव सह किसान प्रकोष्ठ प्रभारी संदीप सिंह समदर्शी ने प्रेस ब्यान जारी कर कहा है कि किसान आंदोलन को दबने के लिए मोदी सरकार ने अब तक क्या कुछ नहीं किया गया। लेकिन किसानों के संघर्ष के आगे मोदी सरकार की एक नहीं चली। यह किसानों की मेहनत का ही फल है जिसके चलते सरकार को कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। मोदी सरकार को किसानों के झुकना पड़ा। यह जीत देश के अन्नदाता की है। हम सब की जीत है। देश की जीत है। इस आंदोलन में किसानों ने बहुत कुछ खोया है। इसका भरपाई सरकार कैसे करेगीं। कहा कि यह घोषणा जरूर की गयी है। लेकीन मोदी सरकार वोट और सत्ता को प्राथमिका देती है। जनहित इनके प्रोटोकॉल में नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव सर पर है जिसका लाभ ये कुछ इस तरह उठाना चाहते है। जिंते जी इन्होंने अपने दमनकारी नितियों से देश के किसानों को मार डाला। कई लोगों को अपनी लग्ज़री गाड़ियों से रौंदा डाला। जनता इनके बहकावे नहीं आने वाली है। ईट का जबाब पत्थर से देने के लिए तैयार हैं।
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