-डी.के यादव
कोंच (गया) उग हे सूरजदेव अरघ के वेरिया …दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ … , मरवो रे सुगवा धनुष से … , कांचही बांस के बहंगिया …जैसे लोकगीतों की गूंज अब कोंच की फिजां में गूंजने लगी है। फलमंडियों में विभिन्न प्रकार के फलों का स्टॉक होने लगा है। बाजार में दउरा एवं सूप के दुकान भी सज गए हैं जिन घरों में छठ पर्व का आयोजन हो रहा है उन घरों में महिलाएं तैयारी में जुट गई हैं। छठ पर्व 8 से शुरू होकर 11 नवंबर तक चलेगा 8 को नहाय – खाय व 9 को खरना है। 10 को निर्जल उपवास व सायंकालीन सूर्य को अर्घ्य तथा 11 को प्रातः कालीन सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं पारण करेंगी। महापर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाजार में छठ पूजा के सामान आ चुके हैं। दुकानें सज गई हैं। पंडित रमाकांत चतुर्वेदी के अनुसार वर्ष में षष्ठी देवी की पूजा का आयोजन दो बार होता है। पहला चैती षष्ठी पूजन व्रत और दूसरा कार्तिक में डाला षष्ठी पूजन व्रत। लोक में कार्तिक में आयोजित होने वाले व्रत का ज्यादा प्रचलन है। इसमे घर में शुद्धि एवं साफ- सफाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। प्रथम दिन नहाय – खाय का होता है। द्वितीय दिन खरना , तृतीय दिवस निर्जला उपवास एवं सायंकालीन अर्घ्य और चतुर्थ दिन सूर्योदय के समय अर्घ्य दान व व्रत के पारण का होता है। यह क्रमशः कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तक चलता है। दुकानों में बढ़ी भीड़ – छठ पूजा के नहाय-खाय के बाद बाजारों में लोगों की भीड़ काफी अधिक बढ़ गई है। महंगाई बढऩे के बावजूद लोगों की आस्था में कोई कमी दिखाई नहीं दे रही है। बाजार विभिन्न प्रकार के फलों और पूजन सामग्रियों से सज गए हैं। कोंच बाजार, ददरेजी, आंती, काबर, देवरा आदि क्षेत्रों में खरीदारों की भीड़ विभिन्न दुकानों में देखी गई। पिछले वर्ष की तुलना में सामानों की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि के बावजूद खरीदारी में कोई कमी नहीं आई है। पिछले दो वर्षों की तुलना में सामानों की कीमत में लगभग 50 से 60 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। सूप दउरा का मांग अधिक सूप, दउरा आदि तैयार कर रहे मल्लिक समुदाय के एक एक परिवार के जिम्मे चार से पांच हजार सूप-दउरा बनाने का ऑर्डर है। इसके अलावा बगैर मांग के भी लोग इसकी खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं।