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मृदा स्वास्थ में सुधार समेत फसल उत्पादन एवं गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए किसानों को दिये जाएंगे कई आवश्यक निर्देश

औरंगाबाद। कृषि विज्ञान केन्द्र सिरिस के वरीय वैज्ञानिक व प्रधान डॉ नित्यानंद एवं कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुये कहा कि प्राकृतिक खेती विषय पर कार्यशाला का आयोजन दिनांक 16 दिसंबर 2021 को सुबह 9 बजें किया जा रहा है। इस कार्यशाला में आप सभी किसान भाई उपस्थित हो कर खेती में होने वाले लागत को कम करके मृदा स्वास्थ में सुधार, फसल उत्पादन एवं गुणवत्ता में बढ़ोतरी कर अपने आमदनी को बढ़ाने के लिए तकनीकी जानकारी प्राप्त करें। प्राकृतिक खेती में रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। प्राकृतिक खेती में खाद के रूप में गोबर की खाद, कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फ़सल अवशेष एवं प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे- रॉक फास्फेट, जिप्सम आदि द्वारा पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं। प्राकृतिक खेती में प्रकृति में उपलब्ध जीवाणुओं, मित्र किट व जैविक कीटनाशक द्वारा फ़सल को हानिकारक किट एवं जीवाणुओं से बचाया जाता है।

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