
मगध हेडलाइंस : औरंगाबाद। बिहार सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत है और इसी के तहत औरंगाबाद के सदर अस्पताल का कायाकल्प भी हो रहा है। एक समय था, जब सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने से लोग हिचकिचाते थे, लेकिन आज हालात बदल चुके हैं। अब सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है और औरंगाबाद सदर अस्पताल इस बदलाव का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा प्राप्त है और इसे और भी बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं।
मां और बच्चे को मिले अच्छा इलाज : इस अस्पताल में प्रसव से लेकर एसएनसीयू (विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई) तक की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे जिले के लोग बहुत लाभान्वित हो रहे हैं। मातृ शिशु अस्पताल के निर्माण के साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मां और बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिले। अस्पताल के उपाधिक्षक सुरेंद्र सिंह के अनुसार
एक आम धारणा बनकर रह गयी थी कि सरकारी जगहों पर अव्यवस्थाएं होंगी, अनियमितता देखने को मिलेगा और ना किसी प्रकार की सुविधाएं ही मिलेंगी जिसमें पहले के अपेक्षा स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मरीजों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सुधार के इन प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव नजर आ रहा है, जिससे यह आशा की जा सकती है कि आने वाले समय में भी इसी प्रकार की उन्नत सुविधाएं और अन्य स्थानों पर भी उपलब्ध कराई जाएगी। औरंगाबाद के लोग अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं और यह अस्पताल इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और भी कई सुविधाएं जिला के सदर अस्पताल में बहाल की जाएगी। जो किसी निजी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में लोगों को मिलती है। जांच से लेकर इलाज और ऑपरेशन की हर सुविधा सदर अस्पताल में लोगों को मिल रही है।
अस्पताल में मौजूद सुविधाएं : सदर अस्पताल में अत्याधुनिक लैब में जांच के साथ-साथ सीटी स्कैन, एक्सरे, डायलिसिस, फिजियोथैरेपी की सुविधा लोगों को मिल रही है। इसके अलावा यहां का चाइल्ड केयर यूनिट भी देखने लायक है। डॉक्टरों की कमी के बावजूद सदर अस्पताल से लोग इलाज के बाद संतुष्ट होकर यहां से जा रहे हैं।