
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । सांसद अभय कुशवाहा ने महाकुंभ की अव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी तथा बिहार के हक की अनदेखी पर आज लोकसभा में सवाल उठाया हैं। श्री कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार तमाम तरह की दावे और वादे कर रही है, लेकिन हकीकत में जनता को सिर्फ आश्वासन और वर्ष 2047 के दिव्य सपने दिखाए जा रहे हैं। फोर्ब्स के मुताबिक भारत को दुनियां के 10 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची से बाहर कर दिया गया। सांसद श्री कुशवाहा ने हाल ही में महाकुंभ में हुई भगदड़ और श्रद्धालुओं की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। श्री कुशवाहा ने कहा कि सरकार आस्था को इवेंट बना रही है, लेकिन कुशासन के कारण श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। अगर सब कुछ प्रशासन के नियंत्रण में था, तो भगदड़ क्यों मची? उन्होंने मृत श्रद्धालुओं के परिवारों को कम से कम एक करोड़ रूपये मुआवजे की मांग की हैं।
मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई-बेरोजगारी बढ़ रही : सांसद श्री कुशवाहा ने बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि जनता की जेब खाली हो रही है। बेरोजगारी दर हर साल बढ़ रही है। 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन आज युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा : सांसद श्री कुशवाहा ने बिहार के हक की अनदेखी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए हस्ताक्षर अभियान तक चलाया गया था, लेकिन आज भी सरकार इस मांग को नजरअंदाज कर रही है। केंद्र सरकार बिहार की बैसाखी के सहारे सत्ता में बनी हुई है, लेकिन बिहार को उसका हक नहीं मिल रहा। हम चाहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, ताकि निवेश और औद्योगिकरण को बढ़ावा मिल सके।
योजनाओं की समीक्षा और नई मांगें : सांसद श्री कुशवाहा ने बिहार और झारखंड में लंबित विकास कार्यों की ओर भी ध्यान दिलाया और मांग की कि एनएच – 139 (पटना-विक्रम-अरवल औरंगाबाद-हरिहरगंज-झारखंड) का निर्माण कार्य जल्द शुरु हो। गया में केंद्रीय विश्वविद्यालय तक किया जाए मेट्रो का विस्तार : दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय का नाम बदलकर “सम्राट अशोक केंद्रीय विश्वविद्यालय” रखा जाए। हड़ियाही सिंचाई परियोजना को जल्द चालू किया जाए। झारखंड में कुटकुट डैम के फाटक का निर्माण जल्द पूरा हो। जातीय जनगणना कराई जाए, ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार सिर्फ वादों की बजाय उठाएं ठोस कदम : सांसद ने कहा कि सरकार को सिर्फ वादों और भाषणों से नहीं, बल्कि ठोस नीतियों और योजनाओं से जनता को राहत देनी होगी। बिहार और झारखंड के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वे संघर्ष जारी रखेंगे।