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मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । सिविल कोर्ट के एडीजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने गोह थाना की एक कांड में सज़ा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एक मात्र काराधिन हत्यारोपी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा प्राप्त अभियुक्त थाना क्षेत्र के गम्हरी गांव निवासी लालबहादुर चौधरी हैं। एपीपी देवेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि अभियुक्त पत्नी की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा और पच्चीस हजार रूपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त साधारण कारावास होगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के भेलवा गांव निवासी पवन चौधरी ने 11.01.19 को गोह थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें बताया कि उसकी बहन रिंकु देवी की शादी अभियुक्त से वर्ष 2013 में हुई थी। अभियुक्त ने गलत नियत से षड्यंत्र कर बहन को रात्रि में तलवार से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया गया जिसमें उसकी हाथ काट गई। इसके बाद उस पर किरोसीन तेल डालकर जला दिया गया। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी उस गांव के ग्रामीणों से मिला तो आनन-फानन में बहन के घर पहुंचा। तत्पश्चात न्याय के लिए थाना में आवेदन समर्पित किया, तब से अभियुक्त जेल में बंद हैं। अधिवक्ता ने बताया कि बचाव पक्ष से कोई अधिवक्ता नहीं होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता पैरवी के लिए मुहैया कराई गई थी। उप परामर्शदाता एल. ए. डी. सी. एस.अधिवक्ता मुकेश कुमार ने बचाव पक्ष रखते हुए कम से कम सज़ा न्यायालय से मांग की हैं, अभियोजन की ओर से देवेन्द्र कुमार शर्मा ने जघन्य कृत्य के लिए फांसी की सजा की मांग की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायधीश ने सज़ा सुनाई और कहा कि मृतका के दोनों नाबालिग बच्चों के उचित प्रतिकर के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को लेटर लिखा जाए।