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भाजपा ने की यादवों से नफरत परिपाटी की शुरूआत, केंद्र को हिम्मत हैं तो कराएं जातीय गणना – डॉ सुरेश

सड़क छाप नेता या तड़ीपार ही जातीय गणना पर कर सकता है गलत बायनबाज़ी  

– मिथिलेश कुमार –

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। सड़क छाप नेता या तड़ीपार ही जातीय गणना पर गलत बायनबाज़ी कर सकता है। यह बात प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश पासवान ने कहीं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के आम सभा में अमित शाह ने जातीय गणना को फर्जी तथा लालू प्रसाद के दबाव में यादवों व मुसलमानों की संख्या बढ़ा चढ़ाकर दिखाने को लेकर मुख्यमंत्री पर जिस तरह से गलत बयानी किया है। इस तरह का ब्यान देश के गृहमंत्री का नहीं हों सकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक तो आप और आपकी पार्टी मुसलमानों से घृणा एवं नफरत करती रही है। अब आप एवं आपकी पार्टी ने यादवों से भी नफरत करना शुरू कर दिया है। अब तो लगता है कि आपकी पार्टी जिस तरह मुसलमानों को लोकसभा या विधानसभा में टिकट नहीं देती है। उसी तरह आने वाले चुनाव में यादवों को भी टिकट से वंचित कर देगी।अमित शाह के भाषण से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा में जो यादव समुदाय से एमपी – एमएलए है, उनका क्या हस्र होगा। अब उन्हें निश्चित रूप से सूली पर चढ़ा दिया जाएगा और कहा जाएगा कि रहना है तो वोटर बनकर हमारी पार्टी का गुलामी करते रहो। अब आप लोगों को पार्टी या चुनाव में कोई पद नहीं मिलने वाला है। चूंकि हमारा देश में संघीय ढांचे के तहत केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा अपने- अपने अधिकार क्षेत्र में काम किया जाता है जिसकी इजाजत संविधान देता है। ऐसे में राज्य सरकार के द्वारा किया गया कोई भी सर्वेक्षण या काम पर केंद्र सरकार के गृह मंत्री के द्वारा फर्जी कहा जाए या केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार के तहत किए जाने वाले कार्यों पर राज्य सरकारें सवाल उठाना शुरू कर दे तो संघीय ढांचा टुट जाएगा जिससे न सिर्फ संविधान कमजोर होगा बल्कि देश भी टुटने के स्थिति में आ जाएगा। इसलिए किसी भी जिम्मेवार व्यक्ति को इस तरह से ब्यान देकर क्षणिक लाभ या वोट के लालच में सड़क छाप लोगों की तरह हल्की बात करके, मजाक का पात्र नहीं बनना चाहिए। मैं देश के गृह मंत्री को चुनौती देता हूं कि अगर आपको लगता है कि आंकड़ों में हेर-फेर किया गया है तो जितनी जल्दी हो सके केन्द्र सरकार बिहार में जातिय गणना करा ले। तब आपको पता चल जाएगा कि किसकी कितनी जनसंख्या है। लेकिन आपकी सरकार में यह हिम्मत नहीं है कि आप जातिय गणना करा सके। इसलिए अमित शाह को अपना बयान वापस लेना चाहिए और आगे से इस तरह की बकवास बंद करना चाहिए। इस तरह के बकवास करने से आपको कोई राजनीतिक लाभ नहीं होने वाला है बल्कि आने वाले चुनाव में आपकी पार्टी का मिट्टी पलीद होना तय है। इसके लिए पुरे देश ने मन बना लिया है।

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