
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती जेनिथ क्रैस स्कूल में उल्लास पूर्वक मनाई गई। सर्व प्रथम उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके जीवन मूल्यों को याद किया गया। इस अवसर पर सभी शिक्षको ने अपने अनमोल विचार एवं बाबा साहेब के क्रांतिकारी विचारों से छात्रों को अवगत कराया।
प्राचार्या रिंकी सिंह ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का श्रेष्ठ और सबसे बड़ा संविधान है। हमारे देश का संविधान समानता, स्वतंत्रता, एकता और अखंडता का पक्षपोषक होने के साथ नागरिकों के लिए न्याय और विश्वास का प्रतीक भी है। इस श्रेष्ठ संविधान के शिल्पकार डॉ आंबेडकर सदियों तक भारतीयों के दिलों में रहेंगे।
रूचि सिंह ने डॉ आंबेडकर के जीवन यात्रा पर प्रकाश डाला। बी.आर अंबेडकर भारत के संविधान के निर्माता थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि वे भारतीय संविधान के लिए मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। वह दलितों या भारत के पिछड़े वर्ग के लोगों के नेता थे।
ऋषिकेश सिंह ने कहा की वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री थे। उनके महान व्यक्तितत्व के कारण उन्हें अप्रैल 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न पुरुष्कार से समान्नित किया गया। इस अवसर पर बच्चों ने डॉ आंबेडकर के विचारो को सुना – जाना और उनके योगदानों से अवगत हुए जिसमें तुलसी, यक्ष फरमान, आराध्या सिंह के पोस्टर कार्य व बोलने की कला को सामूहिक रूप से सराहनीय प्रयास किया। इस मौके पर निदेशक विकाश कुमार सिंह, शिव शंकर प्रसाद, आस्था प्रिया, अंबालिका सिंह, अंजलि आदि रहे।