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सामाजिक बदलाव के प्रतिरूप थे कामरेड विनोद मिश्रा 

        (मिथिलेश कुमार)

कुटुंबा(औरंगाबाद) भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं ने रविवार को तृतीय महासचिव कामरेड विनोद मिश्रा का 24वां स्मृति दिवस पार्टी कार्यालय अंबा में मनाया। इस दौरान कामरेड विनोद मिश्रा के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित किया और 2 मिनट का मौन रखकर शोक श्रद्धांजलि दी। प्रखंड सचिव कामरेड रमेश पासवान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कामरेड विनोद मिश्रा का सपना था कि सत्ता सही अर्थों में जनता के हाथ में हो और प्रत्येक नागरिक पूरी तरह से आजाद हो।

एक ऐसा भारत जिसमें एकता का आधार विविधता के सम्मान में हो, जहां मत भिन्नताएं नफरत भड़काने और जनता को बांटने के लिए इस्तेमाल न हो, जहां लोकतंत्र की ताकत असहमति का सम्मान और आपसी संवाद में हो। उन्होंने ऐसे भारत का सपना देखा था जिसमें धर्म और राजनीति का घालमेल बिल्कुल न हो। राजनीति गैरबराबरी, उत्पीड़न और शोषण पर आधारित समाज व्यवस्था के विरुद्ध सामाजिक परिवर्तन का औजार बने। वे भाकपा (माले) को अदम्य साहस, शक्ति और परिपक्वता के साथ सच्चे लोकतंत्र एवं सभी प्रकार के विषमताओं से आजादी के युद्ध को आगे बढ़ाने वाली एक बड़ी, ताकतवर और जीवंत कम्युनिस्ट पार्टी के रूप में देखना चाहते थे।

वे चाहते थे कि भाकपा माले संसदीय अखाड़े समेत हर तरह की रणभूमि में जनता की आवाज बनें। लेकिन उन्होंने यह भी बताया था कि इतिहास की सबसे बड़ी जंगो का फैसला हमेशा सड़क के आंदोलनों में जनता की दावेदारी से ही हुआ है। उन्होंने भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विगत की गलतियों से सीख लेते हुए सभी संघर्षशील ताकतों के साथ एकताबद्ध हो कम्युनिस्ट आंदोलन को नई जमीन देने की चुनौती को स्वीकार करने के लिए पार्टी को प्रेरित किया ताकि भारत को सांप्रदायिक फासीवाद राज्य में तब्दील करने के संघ ब्रिगेड के मंसूबों को शिकस्त मिल सके।

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सारे कार्यकर्ताओं ने कामरेड विनोद मिश्र की मृत्यु की 24वीं वार्षिकी पर भाकपा माले को हर तरह से मजबूत बनाने और 16 – 20 फरवरी 2023 को विनोद मिश्र नगर पटना में होने वाली पार्टी के 11वें महा अधिवेशन एवं 15 फरवरी 2023 को होने वाली “लोकतंत्र बचाओ,भारत बचाओ” रैली को ऐतिहासिक रूप में सफल बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान कामरेड संजय कुमार तेजा, विजय कुमार वर्मा, कामरेड सुनील राम, रामराज राम, मथुरा प्रसाद सिंह, उमेश पासवान, बैजनाथ प्रजापति, शंकर प्रसाद गुप्ता, गोवर्धन विश्वकर्मा, मंटू कुशवाहा, महावीर पासवान, यूनुस रंगसाज आदि उपस्थित थे।

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